Bihar assembly election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर NDA में सीट बंटवारे की रणनीति पर सहमति! चिराग पासवान को मिल सकता बड़ा हिस्सा, जानें क्या कहते है समीकरण

Bihar assembly election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर NDA में सीट बंटवारे की रणनीति पर सहमति बन रही है। जेडीयू और भाजपा 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं, बाकी सीटें लोजपा, हम और आरएलएम को मिल सकती हैं।

NDA में सीट को लेकर चर्चा शुरू- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bihar assembly election 2025: बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अपनी सीट बंटवारे की रणनीति को अंतिम रूप देने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा दिए हैं।सूत्रों के अनुसार, भाजपा और जेडीयू लोकसभा चुनाव 2024 के फार्मूले को थोड़े बदलाव के साथ अपनाकर मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।

NDA गठबंधन की वर्तमान संरचना

बिहार NDA में फिलहाल ये दल शामिल हैं:

दल    प्रमुख नेता

भारतीय जनता पार्टी (BJP)    नित्यानंद राय / सुशील मोदी / संजय जायसवाल

जनता दल (यूनाइटेड) JDU    नीतीश कुमार

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) LJP(RV)    चिराग पासवान

हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा (HAM)    जीतन राम मांझी

राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM)    उपेंद्र कुशवाहा

संभावित सीट बंटवारा (243 विधानसभा सीटों में से)

पार्टी    अनुमानित सीटें

JDU    102–103

BJP    101–102

LJP (RV)    25–28

HAM    6–7

RLM    4–5

लोकसभा फार्मूले का ही अपडेटेड संस्करण इस विधानसभा चुनाव में लागू किया जाएगा, जिससे प्रत्येक पार्टी की मौजूदा ताकत और ज़मीनी स्थिति को ध्यान में रखा गया है।

सर्वे बना आधार: कौन कहां से मजबूत?

भाजपा ने 2024 की शुरुआत में एक आंतरिक सर्वेक्षण कराया था, जिसमें प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक भावना,

पार्टी की पकड़,और लोकप्रिय उम्मीदवारों का आंकलन किया गया।इसका प्रयोग दो बड़े निर्णयों में होगा जिसमें सीट बंटवारे के लिए औचित्य तय करना और उम्मीदवारों के चयन में हर क्षेत्र से सबसे मजबूत चेहरा उतारने की रणनीती शामिल रहेगी।

भाजपा की रणनीति: समय से पहले तैयारी और उम्मीदवारों की घोषणा

पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में मिली सफलता को बिहार में भी दोहराना चाहती है।इस बार चुनाव तिथि की घोषणा से पहले ही उम्मीदवारों के नाम तय कर सकती है,ताकि उन्हें ग्रासरूट प्रचार में अधिक समय मिल सके।यह रणनीति भाजपा ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी प्रभावी ढंग से अपनाई थी।

चिराग पासवान की LJP को मिलेगा NDA में बड़ा हिस्सा

लोकसभा में पांच सीटों की उपस्थिति के आधार पर लोजपा को अन्य सहयोगियों से ज्यादा सीटें मिलेंगी।25 से 28 विधानसभा सीटें एलजेपी को दी जा सकती हैं।चिराग पासवान युवा वोट बैंक और दलित-मालाकार समुदाय में प्रभावशाली पकड़ बनाए हुए हैं। जिन सीटों पर सहयोगी दो बार से लगातार हार चुके हैं, वहां सीटें अदला-बदली की जाएगी। सीटों के चयन में जमीनी हकीकत और सामाजिक समीकरण को प्राथमिकता दी जा रही है।