GST in Bihar: बिहार ने जीएसटी कलेक्शन में पूरे देश को पछाड़ा! 23 फीसदी उछाल के साथ बनाया रिकॉर्ड, हजारों करोड़ों का संग्रह
GST in Bihar: बिहार में वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी कलेक्शन में बड़ा उछाल देखा गया है. मई 2025 को लेकर जारी हुए जीएसटी संग्रह के आंकड़ों में बिहार ने रिकॉर्ड बनाते हुए राष्ट्रीय औसत से 9 फीसदी ज्यादा कलेक्शन किया है.
GST in Bihar: बिहार ने जीएसटी कलेक्शन में पूरे देश को पछाड़ दिया है. राष्ट्रीय स्तर पर जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार में मई 2024 की तुलना में मई 2025 में 23% अधिक जीएसटी संग्रह हुआ, जबकि इस अवधि में राष्ट्रीय औसत वृद्धि 16% रही है. यानी देश के राष्ट्रीय औसत की तुलना में बिहार का जीएसटी कलेक्शन 9 फीसदी ज्यादा रहा है. इस प्रकार बिहार को जीएसटी संग्रह में बड़ा लाभ भी हुआ है. जहां बिहार के खाते में मई 2024 में 1521 करोड़ का जीएसटी संग्रह हुआ था, जो मई 2025 में बढ़कर 1871 करोड़ हो गया है. इस प्रकार राज्य को जीएसटी संग्रह में करीब 23 फीसदी का फायदा हुआ है.
पड़ोसी राज्यों से कम राशि
हालांकि राशि के आधार पर देखें तो बिहार अपनने पड़ोसी राज्यों की तुलना में जीएसटी संग्रह में अभी पीछे है. बिहार को जहां मई 2025 में 1871 करोड़ आये वहीं इसी अवधि में झारखंड के खाते में 2907 करोड़ रुपए आये जो मई 2024 की तुलना में 8 फीसदी ज्यादा है. इसी तरह पश्चिम बंगाल का जीएसटी संग्रह 6321 करोड़ रुपए रहा जो पिछले मई के मुकाबले 18 फीसदी ज्यादा है. एक और बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का जीएसटी कलेक्शन 9130 करोड़ रुपए रहा जो मई 2024 की तुलना में 0.5 फीसदी ज्यादा है. इस तरह बिहार के जीएसटी संग्रह में भले ही मई 2024 के मुकाबले मई 2025 में 23 फीसदी बढोत्तरी के साथ 1871 करोड़ रुपए आये लेकिन अन्य राज्यों की तुलना में यह काफी कम है.
साढ़े छह लाख कारोबारी ही जीएसटी में पंजीकृत
आंकड़ों के अनुसार इस अवधि के दौरान 2.89 लाख रिटर्न जीएसटीएन के सेंट्रल सर्वर पर और 3.63 लाख राज्य के सर्वर पर रिटर्न दाखिल किये गये. अभी राज्य में केवल साढ़े छह लाख कारोबारी ही जीएसटी में पंजीकृत हैं. हालांकि, जीएसटी के नियम के तहत बीस लाख से कम सालाना कारोबार करने वालों को जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन करने से छूट दी गयी है.
छह फीसदी अधिक राजस्व प्राप्त
दरअसल, वित्तीय वर्ष 2024-25 में जीएसटी से कुल 29,359.76 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में छह फीसदी अधिक है. वर्ष 2023-24 में 27622 करोड़ का संग्रह हुआ था.