बिहार भाजपा की कमेटी पर ग्रहण ! 10 महीने में 8 बार टली तारीख, विधानसभा चुनाव के पहले कई नेताओं का कटेगा पत्ता
Bihar News: बिहार भाजपा एक ओर विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगी है, दूसरी ओर दिलीप जायसवाल के अध्यक्ष बने 10 महीने हो चुके हैं लेकिन अभी तक कमेटी का गठन नहीं हुआ.
Bihar News: बिहार भाजपा इकाई में प्रदेश अध्यक्ष बदले हुए करीब 10 महीना हो चुका है लेकिन नई प्रदेश कमेटी का गठन अब तक नहीं हुआ है. एक ओर बिहार में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर भाजपा जोरशोर से तैयारियों में लगी है. राष्ट्रीय स्तर के कई बड़े नेताओं का ताबड़तोड़ बिहार दौरा भी हो रहा है. इसके बावजूद नई प्रदेश कमेटी का गठन अब तक नहीं होने से पार्टी के कई नेताओं में भीतरखाने इसे लेकर चिंता की स्थिति बनी हुई है.
10 महीने से इंतजार
सूत्रों के अनुसार नई प्रदेश कमेटी गठन के लिए 8 बार तिथियां बभी बदल चुकी हैं. यहां तक कि किन लोगों को नई प्रदेश कमेटी में जगह दी जाए इसे लेकर सैंकड़ों नेताओं का बायोडाटा भी लिया जा चुका है लेकिन दिलीप जायसवाल के अध्यक्ष बने 10 महीने बीतने के बाद भी कमेटी का गठन अधर में लटका है. दरअसल, सम्राट चौधरी के बिहार के उप मुख्यमंत्री बनने के बाद दिलीप जायसवाल को बिहार प्रदेश भाजपा का नया अध्यक्ष बनाया गया था. उनके अध्यक्ष बनने की घोषणा जुलाई 2024 में हुई. इसके बाद पार्टी की गतिविधियों को प्रभावी रूप से संचालित करने के लिए नई प्रदेश कमेटी का गठन करना बेहद जरूरी हो गया. खासकर ऐसे समय में जब बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है.
250 से अधिक नेताओं का बायोडाटा तैयार
पार्टी ने आनन फानन में पदाधिकारियों के लिए 250 से अधिक नेताओं के बायोडाटा भी जुटाया. उन सबके नाम को लेकर लंबा मंथन भी चला. यहां तक कहा गया है कि नई कमेटी में 50 फीसदी नए चेहरों को जगह दी जाएगी. लेकिन इन घोषणाओं के बाद भी 10 महीने से कमेटी गठन का इंतजार जारी है. बताया जा रहा है कि इसी वर्ष फरवरी, मार्च और अप्रैल में संभावित पदाधिकारियों की लिस्ट बनाकर दिल्ली भेजी गई थी. लेकिन वहां से अब तक इस पर मुहर नहीं लगने से कमेटी का गठन नहीं हुआ है.
नई कमेटी में हो सकते हैं 48 सदस्य
बिहार भाजपा की मौजूदा कमेटी में 38 सदस्य हैं जिनकी संख्या बढ़ाकर अब 48 तक की जा सकती है. फ़िलहाल कमेटी में अध्यक्ष के अतिरिक्त 12 उपाध्यक्ष, 5 महामंत्री, 12 प्रदेश मंत्री, 1 मुख्यालय प्रभारी, 2 सह प्रभारी, 1 कोषाध्यक्ष, 2 सह कोषाध्यक्ष, 1 कार्यालय मंत्री और 2 सह कार्यालय मंत्री हैं. नई कमेटी में इन सभी पदों की संख्या बढ़ाई जा सकती है. यहां तक कहा जा रहा है कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए करीब 30 फीसदी महिलाओं को कमेटी में जगह मिल सकती है. हालांकि एक बड़ी चर्चा यह भी है कि मौजूदा कमेटी के आधे से ज्यादा लोगों को बाहर किया जा सकता है. दरअसल जब संजय जायसवाल अध्यक्ष थे तो उनके बाद सम्राट चौधरी को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था. तब संजय जायसवाल के समय के 48 फीसदी कमेटी सदस्यों को सम्राट के नेतृत्व वाली कमेटी में जगह मिली थी. इस बार 50 फीसदी बदलाव की संभावना है.
नई भूमिका निभा रहे कमेटी सदस्य
मौजूदा कमेटी में शामिल कई नेता अब नई भूमिका निभा रहे हैं. जैसे प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. राजभूषण निषाद केंद्रीय मंत्री हैं. प्रवक्ता अनामिका सिंह को एमएलसी बनाया गया है. प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. भीम सिंह एवं महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष धर्मशीला गुप्ता राज्यसभा सदस्य हैं. ऐसे में इन सबकी भूमिका अब नए सिरे से तय की जा सकती है. वहीं कई चेहरे जो संजय जायसवाल और सम्राट चौधरी के समय से कमेटी में शामिल हैं उन्हें अब नई जिम्मेदारी देते हुए आयोग का में जगह मिल सकती है. इसमें मनोज शर्मा, मिथिलेश तिवारी, राकेश कुमार सिंह, सिद्धार्थ शंभु, शीला प्रजापति, अमृता भूषण, सरोज रंजन पटेल, संतोष पाठक, राजेश वर्मा, ललन मंडल आदि के नाम की चर्चा है. सूत्रों का कहना है कि पूर्व सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को किसी भी आयोग का सदस्य नहीं बनाया जाएगा. यह जरुर है कि उनमे कुछ को आयोग के अध्यक्ष का जिम्मा मिल सकता है.