Bihar Board: बिहार बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला, 10वीं-12वीं की परीक्षार्थी अब नहीं कर पाएंगे ये काम, जानिए पूरा मामला
Bihar Board: बोर्ड ने बताया कि हर वर्ष दस्तावेज सत्यापन के लिए हजारों आवेदन आते हैं। अब तक इसके लिए डाक के माध्यम से पत्र और ड्राफ्ट भेजने पड़ते थे। जिससे प्रक्रिया में काफी समय लगता था।
Bihar Board: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने उत्तीर्ण विद्यार्थियों के दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल कर दिया है। बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि 1 जनवरी से दस्तावेज सत्यापन के लिए ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। अब यह प्रक्रिया डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन सिस्टम (DVS) एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पूरी की जाएगी।
रजिस्ट्रेशन कराना अनिर्वाय
बोर्ड के अनुसार, सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों को दस्तावेज सत्यापन के लिए पहले पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन के दौरान संस्थानों को अपनी पूरी जानकारी साझा करनी होगी। इसके बाद लॉग इन कर सत्यापन के लिए भेजे जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या और संबंधित विवरण ऑनलाइन अपलोड करना होगा। जानकारी अपलोड करने के बाद संस्थानों को निर्धारित शुल्क ऑनलाइन जमा करना होगा। शुल्क जमा होते ही दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया स्वतः शुरू हो जाएगी।
समय की होगी बचत
बोर्ड ने बताया कि हर वर्ष दस्तावेज सत्यापन के लिए हजारों आवेदन आते हैं। अब तक इसके लिए डाक के माध्यम से पत्र और ड्राफ्ट भेजने पड़ते थे। जिससे प्रक्रिया में काफी समय लगता था। नई व्यवस्था के तहत मैट्रिक, इंटरमीडिएट, शिक्षक पात्रता परीक्षा, डीएलएड और सक्षमता परीक्षा समेत अन्य परीक्षाओं से जुड़े दस्तावेजों का सत्यापन अब ऑनलाइन पोर्टल https://verification.biharboardonline.com के जरिए किया जाएगा।
डिजिटल व्यवस्था लागू
इस नई प्रणाली से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर में संस्थान का पूरा पता दर्ज करते ही यह स्वतः तय करेगा कि संबंधित फाइल बोर्ड के किस अधिकारी या विभाग को भेजी जानी है। इसके अलावा, संस्थान की श्रेणी सरकारी, गैर-सरकारी, निजी, राज्य के भीतर, राज्य के बाहर या विदेशी के आधार पर सत्यापन शुल्क भी डीवीएस में स्वचालित रूप से निर्धारित हो जाएगा। बोर्ड का मानना है कि इस डिजिटल पहल से दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया अधिक सरल, तेज और विश्वसनीय बनेगी।