Bihar politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले JDU को लगा तगड़ा झटका! इस दिग्गज महिला नेता ने छोड़ा साथ, थामा जन सुराज हाथ
Bihar politics: बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर—जदयू की पूर्व विधायक मीना द्विवेदी ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी जॉइन कर ली। जानिए उनके राजनीतिक सफर और इस कदम का चुनावी असर।
Bihar politics: बिहार की राजनीति में चुनावी सरगर्मियां बढ़ चुकी हैं और नेताओं का दल-बदल तेज हो गया है। ताजा उदाहरण है जदयू की वरिष्ठ नेता और तीन बार विधायक रह चुकीं मीना द्विवेदी का जन सुराज में शामिल होना। गोविंदगंज विधानसभा से कई बार जीत दर्ज करने वाली मीना द्विवेदी ने जदयू को अलविदा कह दिया।उन्होंने अपने सैकड़ों समर्थकों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ प्रशांत किशोर से मुलाकात कर जन सुराज की सदस्यता ग्रहण की।यह कदम जहां जदयू के लिए बड़ा झटका है, वहीं प्रशांत किशोर के लिए बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि वे बिहार की राजनीति में अपनी पैठ मजबूत करने के प्रयास में जुटे हैं।
प्रशांत किशोर का स्वागत और संदेश
जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मीना द्विवेदी का पार्टी में गर्मजोशी से स्वागत किया।उन्होंने उन्हें पीला गमछा पहनाकर औपचारिक सदस्यता दिलाई।प्रशांत किशोर ने कहा कि मीना द्विवेदी जैसी अनुभवी और लोकप्रिय नेता के जुड़ने से पार्टी को नई मजबूती मिलेगी।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चंपारण में यह कदम निर्णायक बदलाव ला सकता है, क्योंकि मीना द्विवेदी का क्षेत्र में गहरा राजनीतिक प्रभाव है।
राजनीतिक परिवार की पृष्ठभूमि
मीना द्विवेदी का परिवार लंबे समय से चंपारण की राजनीति में सक्रिय रहा है।उनके देवर देवेंद्र नाथ दुबे 1995 में समता पार्टी से विधायक बने।उनके पति भूपेंद्र नाथ दुबे 1998 के उपचुनाव में विधायक बने।खुद मीना द्विवेदी 2005 (फरवरी और नवंबर) और 2010 में जदयू से विधायक चुनी गईं।उनकी इस राजनीतिक यात्रा और जनता के बीच लोकप्रियता का सीधा लाभ अब जन सुराज पार्टी को मिलेगा, खासकर चंपारण और आसपास के क्षेत्रों में।
बाहुबली राजनीति और जन सुराज का समीकरण
चंपारण के चर्चित बाहुबली रहे दिवंगत देवेंद्र नाथ दुबे की भाभी मीना द्विवेदी का जन सुराज में शामिल होना बड़े राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।देवेंद्र दुबे ने जेल से चुनाव जीतकर सुर्खियां बटोरी थीं, लेकिन 1998 में उनकी हत्या कर दी गई थी।मीना द्विवेदी के परिवार की यह पृष्ठभूमि उन्हें इलाके में प्रभावशाली बनाती है।राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि वे आगामी चुनाव में गोविंदगंज से जन सुराज पार्टी के टिकट पर मैदान में उतर सकती हैं।