Bihar New Rail Line:बिहार को फिर मिली 2 नई रेलवे लाइन,रेल विकास की रफ़्तार बढ़ाने की तैयारी, 4879 करोड़ का प्रस्ताव तैयार
Bihar New Rail Line: पूर्व रेलवे अब बिहार और पूर्वोत्तर भारत के बीच रेल यातायात को नई दिशा देने की तैयारी में है। बड़हरवा से भागलपुर के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन बिछाने का 4879.63 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव में कुल 256 किलोमीटर रेल लाइन शामिल है दोनों लाइनें 128-128 किलोमीटर की होंगी।
रेलवे अभियंताओं ने इस परियोजना से 27.50 प्रतिशत व्यवसायिक लाभ और 11.03 प्रतिशत वित्तीय लाभ का अनुमान जताया है। परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद यह उत्तर बिहार, कोसी-सीमांचल और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए माल ढुलाई और यात्री परिवहन दोनों में गेम-चेंजर साबित होगी।
नई रेल लाइनों के निर्माण से न केवल ट्रेनों की रफ़्तार बढ़ेगी, बल्कि रेलवे के परिचालन समय में भी भारी कमी आएगी। अभी की स्थिति में दोहरी लाइन पर जब मालगाड़ियाँ चलती हैं, तो कई बार सवारी गाड़ियों को रोकना पड़ता है या फिर मालगाड़ियों को खड़ा करना पड़ता है। इससे रेलवे को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है, क्योंकि दोनों सेवाओं का समय पर संचालन आवश्यक है।
तीसरी और चौथी रेल लाइन के बनने से यह समस्या लगभग समाप्त हो जाएगी। जब पुरानी लाइनों पर ट्रैफिक का दबाव रहेगा, तब नई लाइनों से ट्रेनों को आसानी से पास कराया जा सकेगा। इससे माल ढुलाई की गति और यात्री सुविधा दोनों में सुधार होगा।
रेलवे सूत्रों के मुताबिक़, इस परियोजना से प्रति वर्ष लगभग 538 करोड़ रुपये का वित्तीय लाभ और 1341 करोड़ रुपये का व्यावसायिक लाभ मिलने का अनुमान है। खास बात यह भी है कि इस लाइन के बन जाने के बाद रेलवे वंदे भारत, वंदे मेट्रो, और अमृत भारत जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों के संचालन की योजना को भी गति देगा।
इधर भागलपुर से जमालपुर के बीच तीसरी रेल लाइन की योजना को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। यह 53 किलोमीटर लंबा खंड होगा, जिस पर 1156 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। परियोजना को तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल, इस रूट पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।
भागलपुर-बड़हरवा सेक्शन वर्तमान में तेजस एक्सप्रेस जैसी सेमी हाई-स्पीड ट्रेन के संचालन के लिए जाना जाता है। अब नई लाइन के बाद इस रूट से और अधिक हाई-स्पीड ट्रेनों का संचालन संभव होगा। रेलवे पुरानी लाइनों के किनारे फेसिंग कार्य करा रहा है ताकि किसी प्रकार की अवरोधक समस्या न रहे।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इन नई लाइनों के बन जाने से खाद्य सामग्री, कोयला, सीमेंट, स्टील जैसी वस्तुओं की ढुलाई में समय की बचत होगी। वर्तमान में व्यापारी खाद्य सामग्री को कोल्ड स्टोरेज या वेयरहाउस में रखकर रेल परिचालन का इंतजार करते हैं। नई लाइनों के बन जाने के बाद माल तुरंत लोड कर रवाना किया जा सकेगा, जिससे व्यापारियों का स्टोरेज खर्च घटेगा और रेलवे की कार्यक्षमता बढ़ेगी।