Bihar government: होम मिनिस्टरी होने के बाद इस काम पर नहीं चलेगी सम्राट चौधरी की हुकूमत! नीतीश के इशारों पर होगा ये जरूरी काम, जानें पूरी बात

Bihar government: बिहार सरकार में मंत्रालयों का बंटवारा हुआ। पहली बार नीतीश कुमार ने गृह विभाग छोड़ा। गृह अब डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के पास, लेकिन अफसरों का कंट्रोल अब भी नीतीश के पास।

सम्राट चौधरी के फैसले पर नीतीश का पावर!- फोटो : social media

Bihar government: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद मंत्रालयों का बंटवारा सामने आ चुका है। इस बार सबसे बड़ा और चौंकाने वाला बदलाव यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास गृह विभाग नहीं है। दो दशक से अधिक समय तक यह विभाग उनकी पहचान माना जाता था, लेकिन अब इसे भाजपा के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को दे दिया गया है। इसे बिहार की राजनीति में भाजपा की अब तक की सबसे बड़ी एंट्री के तौर पर देखा जा रहा है।

सम्राट चौधरी के हाथ में सबसे असरदार कुर्सी

गृह विभाग मिलने के बाद सम्राट चौधरी अब पूरे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिसिंग के संचालन के सीधे जिम्मेदार होंगे।कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, और पुलिस मुख्यालय जैसे संवेदनशील मसले अब उनके अधिकार क्षेत्र में आ गए हैं। बिहार की राजनीति में अक्सर कहा जाता है कि असली ताकत वहीं होती है, जहां से सुरक्षा ढांचा और प्रशासनिक पकड़ तय होती है, इसलिए यह जिम्मेदारी भाजपा के लिए राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने का बड़ा मौका भी है।

क्या अब पुलिस पूरी तरह भाजपा के अधीन होगी?

गृह विभाग भले भाजपा के पास चला गया हो, लेकिन बिहार के अफसरों की नियुक्ति, तबादला, कार्रवाई और प्रमोशन का अंतिम फैसला अब भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लेते हैं।इसका कारण यह है कि सामान्य प्रशासन विभाग यानी GAD उनके पास सुरक्षित है, जो प्रशासन की असली कमान माना जाता है।अफसरों की पोस्टिंग से लेकर विभाग बदलने तक हर संवेदनशील निर्णय इसी विभाग से गुजरता है, इसलिए पुलिस तंत्र का ढांचा अभी भी नीतीश की निगरानी में है।

नीतीश के पास कौन-कौन से महत्वपूर्ण विभाग बचे?

नीतीश कुमार ने उन विभागों को अपने पास रखा है, जिनसे पूरे सरकारी सिस्टम के संचालन पर नियंत्रण बना रहता है। सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी विभाग और निर्वाचन विभाग—all ऐसे मंत्रालय हैं जिनसे शासन का मूल ढांचा संभाला जाता है।इसके अलावा जो मंत्रालय किसी मंत्री को नहीं दिए गए, वे भी सीधा मुख्यमंत्री के अधीन हैं।इसका मतलब यह है कि नीतीश सरकार की वास्तविक बागडोर अपने पास ही रखे हुए हैं।

इसका राजनीतिक असर क्या होगा?

नई व्यवस्था से यह संदेश साफ है कि भाजपा को आगे बढ़ने का अवसर मिला है, लेकिन वह पूरी तरह स्वतंत्र नहीं है। गृह विभाग मिलने से कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर अब भाजपा की सीधी जिम्मेदारी तय होगी।दूसरी ओर, नीतीश कुमार ने GAD रखकर प्रशासन का नियंत्रण अपने पास सुरक्षित कर लिया है।आने वाले समय में अपराध नियंत्रण और पुलिसिंग की हर सफलता या असफलता भाजपा के खाते में जाएगी।अगर व्यवस्था मजबूत हुई तो भाजपा को इसका राजनीतिक लाभ मिलेगा, लेकिन किसी चूक की स्थिति में विपक्ष पूरे तेवर से भाजपा पर हमला करेगा।