Asaduddin Owaisi: ओवैसी ने नीतीश सरकार को समर्थन देने का किया ऐलान! शर्त के तौर पर कह दी ये बड़ी बात, क्या मनेगी NDA सरकार?

Asaduddin Owaisi: AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी नीतीश सरकार को समर्थन देगी, लेकिन सीमांचल को उसका हक मिलना जरूरी है। जनसभा में रखी बड़ी शर्त।

 Asaduddin Owaisi
ओवैसी का बड़ा ऐलान!- फोटो : social media

 Asaduddin Owaisi: हैदराबाद के सांसद और AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में नई बनी नीतीश सरकार को समर्थन देने के संकेत दिए हैं। हालांकि उन्होंने यह साफ कर दिया कि उनका सहयोग तभी मायने रखेगा जब सीमांचल के लोगों को वह अधिकार और विकास मिलेगा, जिसका वे वर्षों से इंतज़ार कर रहे हैं। आमौर में आयोजित एक बड़े जनसमूह के सामने ओवैसी ने कहा कि इस क्षेत्र को लगातार नजरअंदाज़ किया गया है और अब समय आ गया है कि सरकार यहां की वास्तविक ज़रूरतों को समझकर काम करे। उनके अनुसार विकास केवल पटना या राजगीर जैसे शहरों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, क्योंकि सीमांचल के लोग आज भी पलायन, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार की मार झेल रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएँ अब भी बेहद कमजोर हैं।

ओवैसी की विधायकों को चेतावनी—काम में कमी बर्दाश्त नहीं

ओवैसी ने मंच से अपने विधायकों को सख्त संदेश दिया कि जनता ने विश्वास करके उन्हें चुना है, इसलिए किसी तरह की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी पांच विधायक सप्ताह में दो दिन अपने क्षेत्रीय कार्यालय में मौजूद रहेंगे और उनकी मौजूदगी की जानकारी उन्हें लगातार साझा करनी होगी। ओवैसी ने यह भी कहा कि वे खुद हर छह महीने में सीमांचल का दौरा करेंगे ताकि जनता से सीधे प्रतिक्रिया मिल सके और काम की गति का मूल्यांकन हो सके। उनकी इस चेतावनी को लोग AIMIM की नई कार्यशैली के रूप में देख रहे हैं।

2020 में हुए धोखे की याद फिर ताज़ा

2020 के बिहार चुनावों में AIMIM ने सीमांचल की 5 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन चुनाव के बाद इसके चार विधायक RJD में चले गए, जिससे पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ। इस बार 2025 के चुनाव में AIMIM उन 5 सीटों को दोबारा अपने पास लाने में सफल रही है। इससे ओवैसी की पकड़ इस क्षेत्र में और मजबूत दिखाई दे रही है, और वे इस बार विधायकों की अनुशासन पर खास नजर रखना चाहते हैं।

सीमांचल AIMIM के लिए इतना अहम क्यों?

सीमांचल बिहार का वह इलाका है जहां मुस्लिम आबादी बड़ी संख्या में रहती है और कोसी नदी की बाढ़ यहां की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। शिक्षा, सड़क, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं में कमी ने यहाँ के लोगों को लगातार परेशान रखा है। इन्हीं समस्याओं के कारण लोगों को ऐसा नेतृत्व चाहिए था जो उनकी आवाज़ को जोरदार तरीके से उठाए। AIMIM ने हाल के वर्षों में इसी कारण से यहाँ मजबूत आधार तैयार किया है।

नीतीश की नई सरकार और AIMIM का राजनीतिक गणित

2025 के बिहार चुनाव में एनडीए ने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की है और नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं। महागठबंधन को इस चुनाव में करारी हार मिली। ऐसे समय में AIMIM का समर्थन मिलने की संभावना ने बिहार के राजनीतिक समीकरणों को और दिलचस्प बना दिया है। ओवैसी का रुख बताता है कि सीमांचल की राजनीति आने वाले समय में बिहार की सत्ता के लिए बड़ी भूमिका निभाएगी।