Bihar News : बिहार सरकार का आतंक के खिलाफ की बड़ी तैयारी, एटीएस के राज्य में खुलेंगे चार नए क्षेत्रीय कार्यालय
Bihar News : पटना में मौजूद एटीएस के मुख्यालय के अलावा गया, मोतिहारी, दरभंगा और पूर्णिया में भी एक-एक क्षेत्रीय कार्यालय बनाए जाएंगे।
PATNA : आतंकवाद से लड़ने के लिए बिहार पुलिस महकमा में गठित विशेष इकाई एटीएस (आतंकवाद निरोध दस्ता) के चार नए क्षेत्रीय कार्यालय बनेंगे। पटना में मौजूद एटीएस के मुख्यालय के अलावा गया, मोतिहारी, दरभंगा और पूर्णिया में भी एक-एक क्षेत्रीय कार्यालय बनाए जाएंगे। इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करके पुलिस महकमा ने गृह विभाग को भेज दिया है। अनुमति मिलने के साथ ही इनके गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। यह जानकारी एडीजी (विधि-व्यवस्था) पंकज कुमार दराद ने दी। वह सोमवार को पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ये क्षेत्रीय कार्यालय जहां मौजूद रहेंगे, वहां के आसपास के जिलों को इससे जोड़ा जाएगा।
कार्यक्षमता का होगा विकास
एडीजी दराद ने कहा कि इन क्षेत्रीय कार्यालय का गठन होने से एटीएस की कार्य क्षमता का विकास होगा। इनकी जवाबदेही आतंकवाद से जुड़ी गतिविधि पर नजर रखने के साथ ही धार्मिक, राष्ट्रविरोधी और आपराधिक गतिविधि पर भी नजर रखने की होगी। यह सभी जिलों में मौजूद स्पेशल ब्रांच के समानांतर काम करेगा। प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय की कमान डीएसपी रैंक के अधिकारी के पास होगी। उन्होंने कहा कि एटीएस सीमावर्ती इलाकों में आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों पर भी निरंतर नजर बनाए रखता है। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से संबंधित धाराओं में जेल में बंद जो लोग छूटकर बाहर आते हैं, उन पर भी निरंतर नजर बनाए रखने और इनसे संबंधित सूचना एकत्र करने का काम भी एटीएस के स्तर से की जाती है। उन्होंने कहा कि एटीएस की सोशल मीडिया इकाई के माध्यम से 176 व्यक्ति को चरमपंथी विचारधारा के कारण चिन्हित किया गया है। इसमें 12 लोगों को अतिचरमपंथी उन्माद की प्रवृति को लेकर मानसिक रूप से प्रेरित करके समझाने का काम किया गया है।
अधिकारी और सिपाही होंगे शामिल
एडीजी ने कहा कि सभी जिलों में मौजूद तमाम थानों में एक अधिकारी और एक सिपाही को खासतौर से आसूचना एकत्र करने के लिए रखा गया है। इनकी जवाबदेही मादक पदार्थों की तस्करी, शराब के अवैध व्यापार, आतंकवाद, अपराध समेत अन्य सभी जरूरी मुद्दों पर आसूचना एकत्र कर इसे जिला से लेकर मुख्यालय तक पहुंचाने की होगी। जिलों में मौजूद सीएटी की टीम के साथ समन्वय स्थापित कर ये कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि एसटीएस के अंतर्गत गठित विशेष स्वाट (एसडब्ल्यूएटी यानी स्पेशल वेपन एंड टैक्टिस टीम) टीम की जिम्मेदारी राज्य में मौजूद 257 संवेदनशील संस्थानों के निगरानी की है। इसमें पिछले वर्ष 194 और इस वर्ष 41 में मॉक ड्रील एवं रेकी की गई है। उन्होंने कहा कि एटीएस के अब तक 176 कमांडों को विशेष रूप से ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इन्हें एसजी के मनेसर और कोलकाता स्थित केंद्रों पर खासतौर से प्रशिक्षण दिया गया है।
नए साल में रहेगी खासतौर से चौकसी
एडीजी ने कहा कि नए साल के जश्न को लेकर हर स्तर पर चौकसी बरतने का निर्देश दिया गया है। सभी जिलों को इसे लेकर खासतौर से निर्देश दिए गए हैं। सभी चौक-चौराहों समेत तमाम प्रमुख स्थानों पर पुलिस की मौजूदगी दिखनी चाहिए। थानों को हर छोटी-बड़ी घटनाओं की उपेक्षा नहीं करने के लिए खासतौर से निर्देश दिया गया है। सीमावर्ती थानों को खासतौर से चौकसी बरने के लिए कहा गया है। एसएसबी के साथ समन्वय स्थापित कर सीमा पर चेकिंग और चौकसी बढ़ाने के लिए कहा गया है। सभी थानों को रात्रि गश्ती बढ़ाने के लिए भी कहा गया है। शराब की तस्करी को लेकर भी अलर्ट किया गया है।
तीन अपराधियों की संपत्ति हुई जब्त, 1421 चिन्हित
एडीजी ने कहा कि बीएनएसएस की धारा 107 के तहत अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है। इसके तहत 1421 अपराधियों को चिन्हित किया गया है। 407 व्यक्तियों के खिलाफ प्रस्ताव कोर्ट को भेजे गए हैं। इसमें 80 अपराधियों के खिलाफ संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया जारी है, जबकि तीन की अब तक संपत्ति जब्त हो चुकी है। इसमें बेगूसराय जिले के चरिया बरियारपुर मंझौल थाना निवासी कुमार रंजन ओमकार, मुजफ्फरपुर जिले के काजी मोहम्मदपुर थाना निवासी राकेश कुमार उर्फ चुन्नु ठाकुर और वैशाली के गंगा ब्रिज थाना के चक फुल निवासी दीपक कुमार शामिल है। इसके अलावा इस वर्ष जनवरी से 22 दिसंबर तक 12 लाख 69 हजार 616 लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की गई है। 3 लाख 63 हजार 927 के खिलाफ बंध-पत्र की कार्रवाई की गई है।