Bihar government school: बिहार की सरकारी स्कूलों की बदलेगी तस्वीर! अब भोजपुरी में होगी पढ़ाई! ACS सिद्धार्थ का बड़ा आदेश

बिहार के सरकारी स्कूलों में अब कक्षा तीन तक की पढ़ाई भोजपुरी भाषा में होगी। छात्रों को स्किल्स सिखाए जाएंगे और स्कूलों में लाउडस्पीकर लगाए जाएंगे ताकि पढ़ाई की जानकारी अभिभावकों तक पहुंचे। जानिए पूरी योजना और बदलाव।

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bihar government schools - फोटो : social media

Bihar government school: बिहार की शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव लाया जा रहा है। अब राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा तीन तक के छात्रों को भोजपुरी भाषा में पढ़ाया जाएगा। यह निर्णय शिक्षा को बच्चों की मातृभाषा के अधिक निकट लाने की दिशा में एक सराहनीय कदम माना जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य यह है कि बच्चे आसानी से विषयों को समझ सकें और स्कूल में सीखने की प्रक्रिया उनके लिए स्वाभाविक और आनंददायक बने।

बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने यह घोषणा "शिक्षा की बात, हर शनिवार" कार्यक्रम के दौरान की। उन्होंने बताया कि भाषा के अलावा अब स्कूलों में बच्चों को टाइम मैनेजमेंट और स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी, ताकि वे अपने समय का सदुपयोग करना सीख सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।

स्कूलों में लाउडस्पीकर लगाए जाएंगे

इस योजना में एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अब सरकारी स्कूलों में लाउडस्पीकर लगाए जाएंगे। इसका उद्देश्य केवल कार्यक्रमों की आवाज़ बढ़ाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि गांव के लोग और अभिभावक जान सकें कि स्कूल में नियमित पढ़ाई हो रही है। यह उन छात्रों के लिए भी चेतावनी होगी जो बिना वजह अनुपस्थित रहते हैं। यदि किसी बच्चे की आवाज़ प्रार्थना या सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नहीं सुनाई देती, तो अभिभावकों को स्वतः पता चल जाएगा कि उनका बच्चा स्कूल नहीं गया है।

एडमिशन को बढ़ावा देने की कोशिश 

डॉ सिद्धार्थ ने आगे बताया कि छात्रों के एडमिशन को बढ़ावा देने के लिए पंचायत के मुखिया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और जीविका दीदियों की सहायता ली जाएगी। यह सभी लोग गांवों में जाकर अभिभावकों को समझाएंगे कि वे अपने बच्चों का नामांकन सरकारी स्कूलों में कराएं।

स्कूलों में चेतना सत्र का आयोजन

इसके अतिरिक्त स्कूलों में हर दिन चेतना सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रगान, योग, नैतिक शिक्षा, स्वच्छता और सांस्कृतिक जागरूकता से संबंधित गतिविधियां कराई जाएंगी। छात्रों को यह भी सिखाया जाएगा कि किससे कैसे बात करनी चाहिए और समाज में अच्छा व्यवहार कैसे किया जाता है।

डिजिटल सुधार की दिशा में का 

डिजिटल सुधार की दिशा में भी कदम बढ़ाए जा रहे हैं। डॉ सिद्धार्थ ने बताया कि बिहार के छह जिलों के 30 सरकारी स्कूलों में 1 मई से ऑनलाइन अटेंडेंस की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे हाजिरी में पारदर्शिता आएगी और स्कूलों के प्रशासनिक कार्य बेहतर तरीके से संचालित होंगे।यह नई पहल केवल एक शिक्षा नीति नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक जागरूकता अभियान है जो बच्चों को मातृभाषा, समय प्रबंधन, सामाजिक शिष्टाचार और आधुनिक डिजिटल तकनीकों से जोड़ने का कार्य करेगा।

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