Bihar health sector: बिहार ने मेडिकल क्षेत्र में गाड़े झंडें! कैंसर, हार्ट संबंधित 611 प्रकार की मेडिसिन मरीजों को दिया मुफ्त, जानें कितने का हुआ खर्च

Bihar health sector: बिहार देश का पहला राज्य बन गया है जो 611 प्रकार की दवाएं मरीजों को मुफ्त उपलब्ध करा रहा है। जानिए कैसे बिहार ने दवा आपूर्ति में सभी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष स्थान हासिल किया।

Bihar health sector
Bihar health sector- फोटो : freepik

Bihar health sector: बिहार राज्य ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। स्वास्थ्य विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जहां 611 प्रकार की जीवनरक्षक और सामान्य दवाएं मरीजों को बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह वह उपलब्धि है जो पिछले दो दशकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल और दृढ़ संकल्प के चलते संभव हो पाई है।

वर्ष 2005 से पहले बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल मानी जाती थी। अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, दवाओं का अभाव और व्यवस्था की अव्यवस्था आम बात थी। लेकिन जब से स्वास्थ्य सुधार की नीति को प्राथमिकता दी गई, तब से न केवल दवाओं की उपलब्धता बढ़ी, बल्कि गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों को आर्थिक राहत भी मिलने लगी।

बिहार सरकार की मुफ्त दवा नीति

बिहार सरकार की मुफ्त दवा नीति ने जिस तरह से विस्तार पाया है, वह देश के बाकी राज्यों के लिए एक उदाहरण बन चुका है। अब कैंसर, हृदय रोग, वायरल संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं भी मुफ्त दी जा रही हैं। राज्य के सरकारी अस्पतालों में अब ड्रग्स और वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (DVDMS) के जरिए ऑनलाइन ट्रैकिंग से यह सुनिश्चित किया जाता है कि मरीज को समय पर सही दवा मिले।

योजना पर खर्च किए गए पैसे

वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना पर करीब 762 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो कि पहले की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में यह खर्च बढ़कर 1100 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। इसका मतलब है कि सरकार इस योजना को और मजबूती से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

गांवों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंच 

राज्य सरकार की इस योजना का प्रभाव सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं, बल्कि गांवों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक भी पहुंच चुका है। पहले जहां सरकारी अस्पतालों में केवल पेनकिलर और सामान्य दवाएं ही मिलती थीं, अब वहां पर ऐंटीबायोटिक, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, किडनी और लिवर की दवाएं भी उपलब्ध हैं। यह स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में एक मौन क्रांति है, जिसका सबसे बड़ा लाभ गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को मिल रहा है।

DVDMS पोर्टल के आंकड़ें

केंद्र सरकार के DVDMS पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, बिहार लगातार पांच महीनों से पूरे देश में दवा आपूर्ति और वितरण में पहले स्थान पर बना हुआ है। यह इस बात का प्रमाण है कि राज्य सरकार का स्वास्थ्य सुधार मॉडल न केवल प्रभावी है, बल्कि तकनीक और पारदर्शिता आधारित भी है।

योजना की सफलता पर CM का बयान

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना की सफलता पर कहा है कि यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य देने की दिशा में किया गया सामाजिक निवेश है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले वर्षों में दवाओं की संख्या और पहुंच को और बढ़ाया जाएगा।

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