Bihar Ips News - पुरानी फाइल खुली और फंस गए साहब: 16 साल पुराने कांड ने बिगाड़ा IPS का 'स्कोरकार्ड', अब कटेगी सैलरी
कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी के विरुद्ध बड़ी दंडात्मक कार्रवाई की है । विभाग ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के परामर्श पर उनके वेतन में कटौती करने का निर्णय लिया है
Patna - बिहार सरकार के गृह विभाग ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी सुबोध कुमार विश्वास के विरुद्ध एक बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की है । साल 2009 के एक पुराने मामले में लापरवाही बरतने के दोषी पाए जाने पर सरकार ने उनके वेतन में कटौती करने का आधिकारिक संकल्प जारी कर दिया है ।
दाउदनगर की वो चूक, जिसने बढ़ाई टेंशन
यह पूरा मामला 17 जुलाई 2009 का है, जब सुबोध कुमार विश्वास औरंगाबाद के दाउदनगर में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (SDPO) के पद पर तैनात थे । उन पर ओबरा थाना कांड संख्या 119/09 (धारा-366ए/504/34 भा०द०वि०) के अनुसंधान में त्रुटिपूर्ण पर्यवेक्षण (दोषपूर्ण सुपरविजन) करने का आरोप लगा था । इस मामले में उनके विरुद्ध 16 सितंबर 2021 को विभागीय आरोप पत्र निर्गत किया गया था ।
UPSC के हस्तक्षेप के बाद सजा तय
विभागीय जांच के दौरान सुबोध कुमार विश्वास के विरुद्ध गठित कुल चार आरोपों में से एक आरोप को प्रमाणित पाया गया । मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुशासनिक प्राधिकार ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) से परामर्श मांगा था । आयोग ने 16 जून 2025 को अपने परामर्श में स्पष्ट किया कि न्याय के लिए अधिकारी पर वेतन कटौती की शास्ति अधिरोपित करना आवश्यक है ।
30 अक्टूबर 2026 तक रहेगी शास्ति
सरकार द्वारा जारी संकल्प के अनुसार, IPS सुबोध कुमार विश्वास पर निम्नलिखित दंड लागू किए गए हैं:
समय सीमा: यह दंड 30 अक्टूबर 2026 तक प्रभावी रहेगा ।
निगरानी ब्यूरो में हैं वर्तमान तैनाती
बिना संचयी प्रभाव: इस कटौती का संचयी प्रभाव (Cumulative effect) नहीं होगा और उनकी भविष्य की पेंशन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा ।
वेतन में कटौती: उनके वेतन के समय-मान में एक स्तर की कटौती की गई है ।
सुबोध कुमार विश्वास 2010 बैच के IPS अधिकारी हैं और वर्तमान में पटना स्थित निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में पुलिस अधीक्षक (SP) के पद पर कार्यरत हैं । विभाग ने इस कार्रवाई की प्रतिलिपि महालेखाकार, सचिवालय कोषागार और संबंधित विभागों को भेज दी है ।