Bihar News : खगड़िया में शिक्षा विभाग का ऐतिहासिक पल, मंच पर पिता 'शिक्षक' और बेटी 'अधिकारी', विदाई बनी यादगार
KHAGARIA : जिला शिक्षा विभाग के लिए 31 दिसंबर 2025 का दिन ऐतिहासिक और भावुक पलों का गवाह बना। मध्य विद्यालय, कबेला के प्रधानाध्यापक श्री शिवशंकर चौधरी आज अपनी लंबी और बेदाग सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए। इस विदाई को यादगार बनाने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) कार्यालय के प्रांगण में एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर विभाग के तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे, लेकिन सबकी नजरें उस अनूठे पल पर टिकी थीं जब सेवा और संस्कार एक ही मंच पर नजर आए।
बेटी ने पिता को किया सम्मानित, हर आंख हुई नम
समारोह का सबसे भावुक क्षण तब आया जब खगड़िया की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता) सुश्री आकांक्षा चौधरी ने स्वयं अपने पिता श्री शिवशंकर चौधरी को सेवानिवृत्ति का प्रमाणपत्र और सम्मान पत्र सौंपा। एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में कार्यरत बेटी द्वारा अपने शिक्षक पिता को उसी विभाग में सम्मानित किए जाने का यह दृश्य देख वहां मौजूद हर व्यक्ति भावुक हो उठा। यह पल न केवल एक पिता के लिए गौरवपूर्ण था, बल्कि वहां उपस्थित अधिकारियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बना।
वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहा सेवाकाल
सम्मान सभा में जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री अमरेंद्र कुमार गोंड, डीपीओ (स्थापना) श्री शिवम और अन्य अधिकारियों ने श्री शिवशंकर चौधरी को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। अधिकारियों ने कहा कि श्री चौधरी का शिक्षक के रूप में उत्कृष्ट योगदान और उनका मार्गदर्शन विभाग के लिए हमेशा महत्वपूर्ण रहेगा। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि एक शिक्षक के रूप में उन्होंने न केवल छात्रों का भविष्य संवारा, बल्कि अपनी संतान को भी इस काबिल बनाया कि वह आज जिले में उच्च पद पर सेवाएं दे रही हैं।
पिता के लिए जीवन का सबसे बड़ा पुरस्कार
अपने विदाई भाषण में भावुक होते हुए श्री शिवशंकर चौधरी ने कहा कि एक शिक्षक और पिता के रूप में इससे बड़ा सौभाग्य और कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, "यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि भगवान ने मुझे वह दिन दिखाया जब मेरी बेटी, जिसे मैंने संस्कार दिए, आज उसी विभाग में मुझे सम्मानित कर रही है।" वहीं, सुश्री आकांक्षा चौधरी के लिए भी यह पल बेहद निजी और गौरवशाली रहा, जहां उन्होंने अपने पहले गुरु और पिता के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
शिक्षा और संस्कार की एक अनूठी मिसाल
यह कहानी केवल एक कर्मचारी की सेवानिवृत्ति की नहीं, बल्कि संघर्ष और सफलता की एक मिसाल है। जहां पिता ने जिले के विद्यालयों में वर्षों तक शिक्षा की अलख जगाई, वहीं पुत्री आज प्रशासनिक जिम्मेदारी संभाल रही हैं। खगड़िया शिक्षा विभाग के गलियारों में इस अनोखे पल की खूब चर्चा हो रही है। यह घटना दर्शाती है कि शिक्षा और सही संस्कार किस तरह एक पीढ़ी को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हैं और समाज को एक नई दिशा देते हैं।
अमित की रिपोर्ट