Bihar Land Mafia: बिहार में जमीन-बालू माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई! 55 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव, पूर्व विधायक के भाई का नाम शामिल

Bihar Land Mafia: बिहार में जमीन और बालू माफियाओं के खिलाफ EOU की बड़ी कार्रवाई 19 माफियाओं की 55 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव ED को भेजा गया।

बिहार सरकार का बड़ा एक्शन- फोटो : social media

Bihar Land Mafia:  बिहार में अवैध जमीन, बालू और शराब कारोबार के खिलाफ सरकार ने अब तक की सबसे कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। आर्थिक अपराध इकाई यानी EOU ने राज्य के बड़े भू-माफिया और बालू माफियाओं की अवैध कमाई पर सीधा वार किया है। जांच के बाद 19 माफियाओं की 55 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां जब्त करने का प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय को भेजा गया है।

राजनीतिक रसूख वाले नाम भी जांच के घेरे में

इस कार्रवाई ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। दानापुर के पूर्व राजद विधायक रीतलाल यादव के भाई टिंकू उर्फ पिंकू यादव का नाम भी उन लोगों की सूची में शामिल है, जिनकी संपत्ति जब्त करने की तैयारी है। इससे साफ है कि सरकार अब किसी के रसूख या पहचान को नहीं देख रही।

जमीन और बालू माफियाओं की अवैध कमाई का खुलासा

EOU के मुताबिक जिन मामलों को ED के पास भेजा गया है, उनमें जमीन माफियाओं की अवैध संपत्ति की कीमत करीब 40 करोड़ रुपये आंकी गई है, जबकि बालू माफियाओं ने लगभग 15 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई की है। इन सभी पर धन शोधन निवारण अधिनियम यानी PMLA के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी।

शराब कारोबारियों पर भी कस रहा शिकंजा

सरकार की सख्ती सिर्फ जमीन और बालू तक सीमित नहीं है। अवैध शराब कारोबार में लिप्त लोगों पर भी बड़े स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। अब तक सैकड़ों शराब माफियाओं को चिन्हित किया जा चुका है और उनकी संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पुलिस के अनुसार बड़ी संख्या में शराब तस्करों को बिहार और अन्य राज्यों से गिरफ्तार किया गया है।

किन इलाकों के माफिया सबसे ज्यादा निशाने पर

पटना, भोजपुर, आरा, बांका, औरंगाबाद, दरभंगा और कैमूर जैसे जिलों से जुड़े कई बड़े नाम जांच के दायरे में आए हैं। इन इलाकों में जमीन कब्जा, अवैध बालू खनन और शराब तस्करी के जरिए लंबे समय से करोड़ों की कमाई की जा रही थी, जिसे अब सरकार खत्म करने के मूड में दिख रही है।

क्यों अहम मानी जा रही है यह कार्रवाई

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई बिहार में माफिया राज के खिलाफ अब तक की सबसे निर्णायक पहल है। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में माफियाओं की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया एक साथ शुरू की गई है। इससे न सिर्फ अवैध कारोबार पर रोक लगेगी, बल्कि आम लोगों में कानून का भरोसा भी मजबूत होगा।

आगे और तेज हो सकती है कार्रवाई

सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में और भी नाम सामने आ सकते हैं। EOU और ED की संयुक्त कार्रवाई से माफियाओं की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। सरकार का साफ संदेश है कि अवैध कमाई और कानून से ऊपर रहने वालों के लिए अब बिहार में कोई जगह नहीं है।