Bhagalpur cybercrime: बिहार-झारखंड में साइबर ठगों का कहर! डिजिटल अरेस्ट से करोड़ों की ठगी, धनबाद में गिरोह गिरफ्तार
Bhagalpur cybercrime: बिहार और झारखंड में साइबर ठगों का आतंक से बवाल मचा है। भागलपुर में 2.30 करोड़ की ठगी का घटना पता चला है। धनबाद में पुलिस ने साइबर गिरोह को दबोचा।
Bhagalpur cybercrime: बिहार और झारखंड के कई जिलों में साइबर अपराधियों का नेटवर्क तेजी से फैलता जा रहा है। ठग अब सिर्फ आम नागरिकों को ही नहीं, बल्कि बैंक के जिम्मेदार अधिकारियों को भी अपने जाल में फंसा रहे हैं। हालिया मामलों में भागलपुर और मुजफ्फरपुर में करोड़ों रुपये की ठगी सामने आई है, जबकि धनबाद पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर एक बड़े साइबर गिरोह को दबोच लिया।
भागलपुर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ का डर दिखाकर 1.20 करोड़ हड़पे
भागलपुर के रेडक्रॉस रोड इलाके में रहने वाले बुजुर्ग नलिन कुमार राय साइबर ठगों का शिकार हो गए। अपराधियों ने फोन पर खुद को CBI अधिकारी बताकर संपर्क किया और कहा कि उनके बैंक खाते में गंभीर गड़बड़ी पाई गई है। डर का माहौल बनाकर उन्हें यह यकीन दिलाया गया कि वे डिजिटल अरेस्ट की स्थिति में हैं। घबराए पीड़ित ने ठगों के बताए अलग-अलग खातों में तीन बार में कुल 1 करोड़ 20 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब सच्चाई सामने आई, तब तक पैसा खातों से गायब हो चुका था।
निवेश के झांसे में फंसे बैंक मैनेजर, लाखों की चपत
भागलपुर में ही साइबर अपराधियों ने एक बैंक मैनेजर को फर्जी निवेश योजना का सपना दिखाया। ज्यादा मुनाफे का लालच देकर उनके खाते से भी बड़ी रकम निकाल ली गई। पुलिस के अनुसार, इन दोनों मामलों को मिलाकर भागलपुर में साइबर ठगी की कुल रकम 2 करोड़ 30 लाख रुपये से ज्यादा हो चुकी है।
मुजफ्फरपुर में फर्जी चालान लिंक से मोबाइल हुआ हैक
मुजफ्फरपुर जिले के सरैया इलाके में रहने वाले सुजीत कुमार एक नए साइबर फ्रॉड का शिकार बने। उन्हें वाहन चालान से जुड़ा एक मैसेज मिला, जिसमें दिए गए लिंक पर क्लिक करते ही उनका मोबाइल हैक हो गया।इसके बाद ठगों ने उनके क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन शॉपिंग अकाउंट का पूरा कंट्रोल ले लिया और 2.37 लाख रुपये की ऑनलाइन खरीदारी कर डाली। पीड़ित को तब झटका लगा जब बैंक से ट्रांजेक्शन अलर्ट मिलने लगे।
धनबाद पुलिस ने होटल से चल रहे साइबर रैकेट का भंडाफोड़ किया
जहां बिहार में ठग सक्रिय थे, वहीं झारखंड के धनबाद में पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने पुराने बाजार स्थित एक होटल में छापेमारी कर साइबर ठगी में शामिल पांच अपराधियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया कि यह गिरोह होटल के कमरों से ही पूरे देश में साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने वहां से कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड, बैंक दस्तावेज, फिंगरप्रिंट क्लोनिंग डिवाइस और एक लग्जरी गाड़ी भी बरामद की है।
साइबर ठगी के बढ़ते मामलों से बढ़ी चिंता
लगातार सामने आ रहे इन मामलों ने साइबर सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ठग अब डर, लालच और तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को मिनटों में कंगाल बना रहे हैं। पुलिस का कहना है कि सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।
पुलिस की सलाह, एक गलती भारी पड़ सकती है
साइबर सेल ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल, मैसेज या लिंक पर तुरंत भरोसा न करें। कोई खुद को अधिकारी बताकर पैसे मांगे तो उसकी पुष्टि जरूर करें। ठगी की आशंका होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।