Bihar Assembly election 2025: बिहार में महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा! राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई दिग्गज नेता लेंगे हिस्सा, जानें कार्यक्रम से जुड़ी डिटेल
Bihar Assembly election 2025: बिहार में महागठबंधन की 'वोटर अधिकार यात्रा' 10 अगस्त से रोहतास से शुरू होगी। जानिए इस यात्रा का रूट, उद्देश्य और इसमें शामिल प्रमुख नेता कौन-कौन होंगे।
Bihar Assembly election 2025: बिहार की राजनीति इन दिनों गरमाई हुई है और इसका केंद्र बना है वोटर लिस्ट से 65 लाख नामों का विलोपन। महागठबंधन ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन करार देते हुए सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया है।
यात्रा का उद्देश्य केवल लोगों को इस मुद्दे पर जागरूक करना ही नहीं, बल्कि आगामी चुनावों के लिए जनसंपर्क और समर्थन जुटाना भी है।कांग्रेस, राजद, वाम दलों सहित समूचा महागठबंधन इस यात्रा के ज़रिए राज्य की सियासी तस्वीर बदलने की मंशा से मैदान में उतर चुका है।
यात्रा की शुरुआत रोहतास से देव तक
राजेश राम के अनुसार, यह यात्रा 10 अगस्त, रक्षाबंधन के अगले दिन रोहतास जिले से आम सभा के साथ आरंभ होगी। इसी दिन यात्रा औरंगाबाद होते हुए कुटुंबा विधानसभा पहुंचेगी, जहां राहुल गांधी रात्रि विश्राम करेंगे।11 अगस्त को देव मंदिर से शुरू होकर यात्रा रफीगंज और फिर गया जी पहुंचेगी, जहां एक और बड़ी जनसभा होगी। अगले पड़ाव में नवादा यात्रा की मंजिल बनेगी।रूट की रेकी का काम लगभग पूरा हो चुका है, और जल्द ही इसकी आधिकारिक सूची मीडिया में जारी की जाएगी।
कौन होंगे यात्रा में शामिल?
राहुल गांधी: पहले दिन से यात्रा में शामिल होंगे और कुटुंबा में रात गुजारेंगे।
मल्लिकार्जुन खरगे: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष, यात्रा की शुरुआत में रहेंगे।
तेजस्वी यादव: यात्रा में लगभग सभी दिन रहेंगे, जिससे यह महागठबंधन की एकता का प्रतीक बनता है।
प्रियंका गांधी: यात्रा में किसी एक दिन हिस्सा लेंगी, इससे महिला वोटरों के बीच प्रभाव की उम्मीद है।
अन्य सहयोगी दलों के नेता: वामपंथी दल, हम, वीआईपी जैसे घटक दलों के नेता भी यात्रा में भाग लेंगे।
वोटर लिस्ट से नाम विलोपन का मुद्दा
महागठबंधन का सबसे बड़ा आरोप है कि चुनाव आयोग ने भाजपा के इशारे पर कार्य किया है, और 65 लाख से अधिक नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं।यह एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है, जो सीधे-सीधे नागरिकों के मताधिकार को चुनौती देता है। यात्रा के दौरान, नेताओं द्वारा ग्रामीण और शहरी जनता को बताया जाएगा कि किस तरह उनका नाम बिना सूचना के लिस्ट से हटा दिया गया।
यह केवल यात्रा नहीं, रणनीति है
इस यात्रा को महज जन-जागरण अभियान मानना गलती होगी। इसके ज़रिए महागठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जमीनी स्तर पर माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है।वोटर अधिकार यात्रा का नाम अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन जिस मुद्दे को केंद्र में रखा गया है – वह है लोकतंत्र, जनभागीदारी और संविधान का सम्मान।