रेलवे की सुरक्षा में बड़ी सेंध: बिहार के मंत्री के भाई का 5 लाख का सामान पार्सल बोगी से गायब, रेल महकमे में हड़कंप

टाटानगर-थावे एक्सप्रेस की पार्सल बोगी से बिहार के पीएचईडी मंत्री के भाई का 5 लाख रुपये से अधिक का सामान गायब हो गया है। 12 कार्टन लेदर गुड्स की बरामदगी के लिए रेल मंत्री को पत्र लिखा गया है, जिससे रेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

Patna : भारतीय रेल की पार्सल सेवाओं की सुरक्षा एक बार फिर कटघरे में है। ताजा मामला टाटानगर-थावे एक्सप्रेस (18181) का है, जहाँ पार्सल बोगी से भेजा गया 5 लाख रुपये से अधिक का कीमती सामान रहस्यमय तरीके से गायब हो गया। यह सामान बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) मंत्री संजय सिंह के बड़े भाई धनंजय कुमार का था। इस हाई-प्रोफाइल चोरी ने रेल अधिकारियों की नींद उड़ा दी है।

टाटा से हाजीपुर के लिए बुक हुआ था माल

जानकारी के अनुसार, मंत्री के बड़े भाई धनंजय कुमार का हाजीपुर में 'श्रीलेदर' का शोरूम है। उन्होंने टाटानगर से 23 दिसंबर को 12 कार्टन लेदर गुड्स बुक कराए थे। इन सामानों की कुल कीमत 5,32,751 रुपये बताई गई है। यह खेप टाटा-थावे एक्सप्रेस के जरिए हाजीपुर पहुँचनी थी, लेकिन चार दिन बीत जाने के बाद भी पार्सल का कोई अता-पता नहीं है।

मंत्री की नाराजगी और रेल मंत्री को पत्र

सामान गायब होने की सूचना मिलने पर पीएचईडी मंत्री संजय सिंह ने रेलवे की लचर व्यवस्था पर गहरी नाराजगी जताई है। मंत्री के निजी सचिव ने इस मामले को लेकर सीधे रेल मंत्री को पत्र लिखा है और 12 कार्टन पार्सल सामग्री को जल्द से जल्द बरामद कर उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। इस पत्र की प्रतिलिपि पूर्व मध्य रेल मुख्यालय और डीआरएम दानापुर को भी भेजी गई है, जिसके बाद रेल अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं।

संदेह के घेरे में किऊल और मुजफ्फरपुर के बीच की कड़ियां

प्रारंभिक सूचनाओं के अनुसार, ट्रेन में पुरुलिया और किऊल स्टेशनों पर अन्य पार्सल लोड किए गए थे। बताया जा रहा है कि मुजफ्फरपुर स्टेशन पर जब बीड़ी के बंडल उतारे गए, तो पार्सल बोगी अंदर से काफी खाली नजर आई। जब ट्रेन हाजीपुर पहुँची और शोरूम का स्टाफ माल लेने गया, तो उन्हें बताया गया कि उनके नाम का कोई सामान उपलब्ध नहीं है। दो दिनों के इंतजार के बाद भी जब सामान नहीं मिला, तब 25 दिसंबर को आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई गई।

मिलीभगत या पेशेवर गिरोह का हाथ?

रेलवे अब इस बात की जांच कर रहा है कि इतना भारी-भरकम सामान चलती ट्रेन से गायब हुआ या किसी की मिलीभगत से इसे रास्ते में उतारा गया। यह सवाल उठ रहा है कि क्या पार्सल बोगी की सील सुरक्षित थी या उसे रास्ते में तोड़ा गया। रेल अधिकारी अब टाटानगर से लेकर हाजीपुर तक के सभी प्रमुख स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं ताकि संदिग्धों की पहचान की जा सके।