Bihar Land Mutation - दाखिल खारिज में मामले में लापरवाही को लेकर प्रशासन ने दिखाई सख्ती, पटना के इन अधिकारियों को डीएम ने किया शोकॉज

Bihar Land Mutation - दाखिल खारिज से जुड़े मामलों के निष्पादन में लापरवाही बरते जाने पर प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। पटना के दो अधिकारियों को शो-कॉज किया है।

Bihar Land Mutation - दाखिल खारिज में मामले में लापरवाही को लेकर प्रशासन ने दिखाई सख्ती, पटना के इन अधिकारियों को डीएम ने किया शोकॉज

Patna - बिहार में नीतीश कुमार सरकार हर हालत में दाखिल खारिज के काम को समय पर पूरा करने की कोशिश में हैं। जिसको लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। हालांकि इसके बाद भी इसमें सुधार नहीं हो रहा है। पटना में भी दाखिल खारिज से जुड़े मामलों के निष्पादन में शिथिलता के मामले सामने आए हैं। जिसके बाद पटना डीएम डा. चंद्रशेखर सिंह ने पटना सदर और पटना सिटी के भूमि सुधार उपासमाहर्ता को शोकॉज किया है। साथ ही उन्हें अविलंब स्थिति में सुधार करने के निर्देश दिए हैं।  

जिलाधिकारी ने कहा कि सदर डीसीएलआर शिथिलता बरत रहे हैं। उनके न्यायालय में दो सप्ताह में दाखिल-खारिज अपील के 63 वाद प्राप्त हुए, लेकिन केवल 39 को निष्पादित किया गया है। दो-तीन महीने में अपेक्षित प्रगति नहीं दिख रही। सबसे पुराना वाद 12 अप्रैल, 2023 का है जिसका निष्पादन अभी तक नहीं किया गया है। वहीं पटना सिटी डीसीएलआर ने दो सप्ताह में एक भी वाद को निष्पादित नहीं किया है। दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगते हुए सुधार लाने का निर्देश दिया।

सात सीओ को दी एक सप्ताह की मोहलत

इसके अलावा सात अंचलाधिकारियों को 75 दिनों से अधिक समय के लंबित मामलों को निपटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। इसके बाद इनपर कार्रवाई की चेतावनी जिलाधिकारी ने दी है। 

समीक्षा बैठक में पेश की रिपोर्ट

पटना डीएम सोमवार को समाहरणालय में राजस्व मामलों की समीक्षा कर रहे थे। मामलों के निष्पादन में सुधार दाखिल-खारिज, परिमार्जन, अभियान बसेरा, भूमि नापी, भूमि विवाद निराकरण, आधार सीडिंग, अतिक्रमण उन्मूलन, सीमांकन, विशेष सर्वेक्षण, भू-अर्जन, भूमि उपलब्धता एवं हस्तानांतरण सहित विभिन्न मामलों में अंचलवार अद्यतन प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि दाखिल-खारिज के मामले में ओवरआल प्रगति काफी अच्छी है।

उन्होंने बताया कि एक अप्रैल 2024 को 80,592 आवेदन लंबित थे जो 20 अप्रैल को 16,534 रह गए हैं। इनमें लगभग 40 हजार आवेदन एक्सपायर की श्रेणी में थे, उनकी संख्या अब 3,3380 रह गई है।




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