Bihar Sarkari Naukri: बिहार सरकार में इस पद पर बंपर बहाली, शिक्षा विभाग ने जारी किया नोटिफिकेशन, ऐसे होगी नियुक्ति
Bihar Sarkari Naukri: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले बहालियों का दौर जारी है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने एक और अधिसूचना जारी किया है। जिसके तहत शिक्षा विभाग में क्लर्कों की नियुक्ति की जाएगी।
Bihar Sarkari Naukri: बिहार के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अब लिपिकों (क्लर्क) की नियमित नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही सेवा के दौरान दिवंगत हुए शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का लाभ मिलेगा। इसको लेकर बिहार राज्य विद्यालय लिपिक (नियुक्ति, सेवा शर्त एवं अनुशासनिक कार्रवाई) संवर्ग नियमावली, 2025 की अधिसूचना बुधवार को शिक्षा विभाग ने जारी की। यह अधिसूचना शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के हस्ताक्षर से जारी की गई, जिसके साथ ही नियमावली को तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है।
क्लर्क नियुक्ति प्रक्रिया
जारी अधिसूचना के अनुसार, विद्यालय लिपिक का पद मूल कोटि का होगा। इसके अतिरिक्त वरीय विद्यालय लिपिक को प्रथम प्रोन्नति स्तर और प्रधान विद्यालय लिपिक को द्वितीय प्रोन्नति स्तर पर रखा गया है। कुल पदों में से 50 प्रतिशत पद अनुकंपा के आधार पर भरे जाएंगे। जिनकी नियुक्ति जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा की जाएगी। इस समिति में जिला शिक्षा पदाधिकारी भी शामिल होंगे। वहीं, 15 प्रतिशत पद विद्यालय परिचारकों की प्रोन्नति से भरे जाएंगे। बाकी के पदों पर नियुक्ति कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से लिखित परीक्षा द्वारा की जाएगी।
विश्वविद्यालयों की समस्याओं के समाधान के लिए राजभवन की पहल
उधर, राज्य के विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन, बजट और तकनीकी समस्याओं को दूर करने के लिए राजभवन ने तीन कुलपतियों की एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है। बुधवार को राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थू के हस्ताक्षर से इसकी अधिसूचना जारी की गई। यह कमेटी 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपेगी। समिति में जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के कुलपति प्रो. प्रमेन्द्र कुमार बाजपेयी, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह और पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह को शामिल किया गया है।
समिति भेजेगी अपना अंतिम रिपोर्ट
कमेटी विशेष रूप से समर्थ पोर्टल से जुड़ी तकनीकी दिक्कतों और इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर विचार करेगी। साथ ही विश्वविद्यालयों के पठन-पाठन और बजट से जुड़ी समस्याओं का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कमेटी के समक्ष अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपति भी अपने सुझाव रख सकेंगे और यदि चाहें तो बैठक में भाग भी ले सकते हैं। सभी विश्वविद्यालयों से प्राप्त सुझावों की समीक्षा के बाद समिति अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी। उल्लेखनीय है कि यह निर्णय 18 जून को राज्यपाल एवं कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान की अध्यक्षता में आयोजित कुलपतियों की बैठक में लिया गया था। अधिसूचना की प्रति शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भेज दी गई है।