Bihar Vigilance : बिहार विशेष निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने जारी की 5 साल की कार्रवाई रिपोर्ट, 2025 में टूटा रिकॉर्ड, नपे इतने भ्रष्ट अधिकारी, देखिए आंकड़ा
Bihar Vigilance : बिहार विशेष निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर पिछले पांच वर्षों की रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2025 में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
Bihar Vigilance : बिहार विशेष निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने पिछले 5 साल की कार्रवाई रिपोर्ट जारी की है। 2021 से लेकर 2025 तक निगरानी के द्वारा किए गए कार्रवाई की डिटेल जारी की गई है। जारी डिटेल के अनुसार 2025 में निगरानी ने सबसे अधिक भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की है। 2025 में आय से अधिक संपत्ति और रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों अधिकारियों को पकड़ा गया है। यह कार्रवाई बिहार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के महानिदेशक जितेंद्र सिंह गंगवार के नेतृत्व में जारी है।
5 साल में सबसे अधिक कार्रवाई
दरअसल, विशेष निगरानी इकाई का गठन राज्य के निगरानी विभाग को अधिक सशक्त बनाने और भ्रष्टाचार निवारण से जुड़े मामलों में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया था। ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025 में अब तक विशेष निगरानी इकाई द्वारा कुल 27 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें 15 मामले आय से अधिक संपत्ति से जुड़े हैं, जबकि 12 मामले रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने (ट्रैप केस) से संबंधित हैं। निगरानी ब्यूरो का कहना है कि यह आंकड़ा बीते वर्षों की तुलना में अब तक का सर्वाधिक है।
जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्रवाई
निगरानी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। ब्यूरो ने स्पष्ट किया है कि सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी इकाई को और अधिक मजबूत किया जा रहा है। जारी आंकड़ों के अनुसार जनवरी से लेकर दिसंबर 2025 तक आय से अधिक संपत्ति मामले में 15 भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। तो वहीं जनवरी से दिसंबर 2025 में 12 अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
आय से अधिक संपत्ति मामले में निगरानी की कार्रवाई
आय से अधिक संपत्ति मामले में 2025 में निगरानी की पहली कार्रवाई 22-01-2025 को हुई। निगरानी ने बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के आवास से छापेमारी के दौरान 3 करोड़ 55 लाख 22 हजार रूपया बरामद किया गया और लगभग 2 करोड 75 लाख रूपये के जमीन के कागजात बरामद किए गए। दूसरी कार्रवाई 6 मार्च 2025 में हुई। निगरानी ने नालंदा के जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल कुमार दास के आवास पर छापेमारी की। इस दौरान 2 करोड़ के मूल्य का सोना-चांदी-हीरे के आभूषण बरामद किए गए।
निगरानी की कार्रवाई
इसी प्रकार 15 अप्रैल 2025 को निगरानी ने अंचलाधिकारी प्रिंस राज के आवास पर छापेमारी की। निगरानी ने 28,02,000 रुपए के आय से अधिक संपत्ति के आरोप में कांड दर्ज किया। वहीं छापेमारी के दौरान प्रिंस राज का मैट्रिक का फर्जी दस्तावेज बरामद किया गया, जिसे बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने फर्जी घोषित कर दिया। 30 अप्रैल 2025 को रिशु श्री संजीव हंस और एक अन्य अधिकारी पर निगरानी की कार्रवाई हुई। प्रवर्तन निदेशालय से प्राप्त पत्र की समीक्षात्मक प्रतिवेदन के आधार पर सरकारी कार्यों के ठेका लेने मे हेरा-फेरी एवं सरकारी पदाधिकारियों एवं कमियो को रिश्वत देने के आरोप मे यह कांड प्रतिवेदित हुआ है। फिलहाल इस मामले में जांच जारी है। हालांकि संजीव हंस को पटना हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है और उनका निलंबन भी नीतीश सरकार ने खत्म कर दिया है। निगरानी ने इनकी संप्रति को निलंबित कर दिया है।
भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई
8 मई 2025 को निगरानी अरुण यादव(पूर्व विधायक), किरण देवी (पूर्व विधायक), राजीव कुमार रंजन. दीपु कुमार और अन्य पर निगरानी ने कार्रवाई की। प्रवर्तन निदेशालय से पूर्व किरण देवी और अरूण यादव के खिलाफ 36,65,96,963/-रू० आय से अधिक सम्पत्ति संबंधी पत्र के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की। 3 जून 2025 को मनिहारी कटिहार की लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्वेता मिश्रा के खिलाफ निगरानी ने कार्रवाई की। 80 लाख 11 हजार 659 रूपये के आय से अधिक संपत्ति के आरोप मे कांड दर्ज किया गया है। छापामारी के क्रम में कुल 22,44,500 (बाईस लाख चौवालीस हजार पाँच सौ) रूपये नकद बरामद किया गया। 23 जून 2025 को पटना के तत्कालीन संभागीय वन पदाधिकारी सुबोध कुमार गुप्ता पर निगरानी ने कार्रवाई की। सम्प्रति को निलंबित कर दिया गया है। 1,54,11,500 रूपये के आय से अधिक संपत्ति के आरोप मे कांड दर्ज किया गया है। छापामारी के क्रम में कुल 1295 डॉलर विदेशी मुद्रा, 1,13,600 रूपये एवं 22,00,174 रूपये के सोने के जेवरात बरामद हुए। निगरानी ने ऐसे सभी कार्रवाई का डाटा जारी किया है।
यहां देखें निगरानी द्वार जारी पूरा ब्योरो
9 जुलाई 2025 को पटना के अपराध अनुसंधान विभाग के पुलिस उपाधीक्षक अभय प्रसाद यादव पर निगरानी की गाज गिरी। 1 करोड 43 हजार 501 रूपये के आय से अधिक संपत्ति के आरोप मे कांड दर्ज किया गया है। छापमारी के कम में प्राथमिकी में उल्लेखित आय से अधिक संपत्ति से काफी अधिक परि संपत्ति का साक्ष्य प्राप्त हुआ है। 8 अगस्त को जहानाबाद के पुलिस उपाधीक्षक(मुख्यालय) संजीव कुमार पर निगरानी ने कार्रवाई की। 1,52,42,569 रूपये के आय से अधिक संपत्ति के आरोप मे कांड दर्ज किया गया है। छापामारी के क्रम में खगड़िया में G+4 लगभग 1 बीघे का, कमर्शियल भवन संरचना प्राप्त हुआ जिसमे अभी हॉस्पीटल चल रहा हैं। संजीव कुमार की पत्नी एवं अन्य नाम से ग्यारह ट्रक प्राप्त हुआ और जमीन के 04 सेल डीड भी प्राप्त हुए है।
सितंबर और अक्टूबर में हुई कार्रवाई
वहीं 10 सितंबर को मुजफ्फरपुर के क्षेत्रीय शिक्षा उपानिदेशक तिरहुत प्रमंडल कार्यालय बीरेंन्द्र नारायण पर निगरानी की गाज गिरी। 3 करोड़ 25 लाख 66 हजार रूपये के आय से अधिक संपत्ति के आरोप मे कांड दर्ज किया गया है। छापमारी के क्रम में उनके आवास से 14 लाख 83 हजार रूपया नकद बरामद किया गया। कुल 18 बैंक एकाउन्ट प्राप्त किया गया। 25 जमीन का दस्तावेज प्राप्त हुआ। 7 अक्टूबर 2025 को विद्युत कार्यपालक अभियंता, बिहार पुलिस भवन निर्माण विभाग लिमिटेड प्रणव कुमार पर कार्रवाई की गई। 1 करोड 59 लाख 52 हजार रूपये के अप्रत्यानुपातिक धर्नाजन के आरोप मे कांड दर्ज किया गया है। तलाशी के दौरान अभियुक्त के निवास से 5 लाख 73 हजार नगद बरामद किये गए हैं। अभियुक्त के पास से अचल सम्पत्ति के 23 दस्तावेज प्राप्त हुए है।
नवंबर दिसंबर में निगरानी की कार्रवाई
20 नवंबर 2025 को वित्त विभाग बिहार सरकार के अधिकारी मुमुकक्षु कुमार चौधरी पर निगरानी ने कार्रवाई की। प्रवर्तन निदेशालय से प्राप्त पत्र की समीक्षात्मक प्रतिवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई। उल्लेखनीय है कि जप्ती एवं तलाशी के क्रम में इनके आवास से लगभग 2 करोड़ रूपया जब्त किया गया। 20 नवंबर 2025 को ही बिहार सरकार के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता(BCD) तरनी दास पर निगरानी ने कार्रवाई की। प्रवर्तन निदेशालय से प्राप्त पत्र के समीक्षात्मक प्रतिवेदन के आधार पर सरकारी कार्यों के ठेका लेने मे हेरा-फेरी एवं सरकारी पदाधिकारियों एवं कमियो को रिश्वत देने के आरोप मे यह कांड प्रतिवेदित हुआ है। उल्लेखनीय है कि जप्ती एवं तलाशी के क्रम में इनके आवास से 8 करोड़ 57 लाख रूपया जब्त किया गया। 22 नवंबर 2025 को बिहार सरकार के उत्पाद शुल्क अधीक्षक अनिल कुमार आजाद पर कार्रवाई की गई। 1 करोड़ 58 लाख 45 हजार रूपये के अप्रत्यानुपातिक धर्नाजन के आरोप मे कांड दर्ज किया गया है। दानापुर, विक्रम और जहानाबाद के 10 जमीन का कागजात प्राप्त हुआ। छापामारी के दौरान 60 लाख रूपये का सोना/चाँदी के आभूषण बरामद किए गए। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का 25 लाख रूपया का Fixed Deposit का कागज प्राप्त हुआ। 15 दिसंबर 2025 को बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग के निदेशक, गुणवत्ता नियंत्रण(उत्तर) पर निगरानी ने कार्रवाई की। 2 करोड़ 82 लाख 61 हजार रूपये के आय से अधिक संपत्ति के आरोप मे कांड दर्ज किया गया है। छापामारी के दौरान कुल 3 करोड़ 41 लाख 81 हजार रूपये का जमीन का दस्तावेज प्राप्त हुआ जो अभियुक्त और उनकी पत्नी के नाम पर है।