Bhojpur farmers: भोजपुर में धान खरीद नहीं होने पर किसानों का उग्र विरोध! खेत में धान जलाकर जताया आक्रोश
Bhojpur farmers: भोजपुर जिले में धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। पीरो प्रखंड में किसानों ने खेत में धान जलाकर विरोध किया और आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
Bhojpur farmers: भोजपुर जिले में धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से किसानों का आक्रोश गुरुवार को उफान पर आ गया। लंबे समय से पैक्स के माध्यम से धान अधिप्राप्ति का इंतजार कर रहे किसानों ने नाराजगी जताते हुए खेत में धान जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन पीरो प्रखंड के नारायणपुर पंचायत अंतर्गत वैसाडीह गांव में हुआ, जहां किसानों का कहना है कि कटनी के बावजूद धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है और उनकी आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आरोप लगाया कि पैक्स अध्यक्ष द्वारा जानबूझकर धान की खरीद नहीं की जा रही है, जबकि बिचौलियों के माध्यम से बाहरी लोगों का धान लिया जा रहा है। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि अगले 10 दिनों के भीतर धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई, तो वे सड़क पर धान रखकर विरोध करेंगे। किसानों की इस चेतावनी से प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की चिंता बढ़ गई है।
गांव के 87 वर्षीय बुजुर्ग किसान राधा मोहन उपाध्याय ने बताया कि करीब 2000 की आबादी वाले गांव में 1200 एकड़ में खेती होती है। इस वर्ष लगभग 8000 क्विंटल धान का उत्पादन हुआ है, जो खलिहान में पड़ा सड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी व्यवस्था पूरी तरह फेल नजर आ रही है और बिचौलियों का बोलबाला है। किसान ने बताया कि पिछले 15 दिनों से धान कटकर रखा हुआ है, लेकिन खरीददार कोई नहीं है। व्यापारी और पैक्स अध्यक्ष दोनों 1800 रुपये प्रति क्विंटल का भाव बता रहे हैं, जिससे किसानों का शोषण हो रहा है।
उप मुखिया निशांत कुमार उपाध्याय ने आरोप लगाया कि अधिकांश किसानों का धान नहीं लिया जा रहा है। शिकायत करने पर जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डाली जा रही है। उन्होंने बताया कि पीरो एसडीओ को लिखित आवेदन दिया गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। किसानों ने पैक्स अध्यक्ष की जांच और निष्पक्ष धान खरीद की मांग की है। धान की खरीद नहीं होने पर पूरा परिवार बर्बादी के कगार पर है। किसानों का कहना है कि यदि समय रहते समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। फिलहाल प्रशासन की ओर से किसानों को आश्वासन देने और स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास की बात कही जा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर खरीद शुरू न होने से असंतोष बना हुआ है।
आशीष कुमार भोजपुर आरा