BIHAR POLITICS - चारा घोटाले मामले पर सार्वजनिक बहस के लिए CM नीतीश के मंत्री ने दी तेजस्वी की चुनौती, पेश कर दी चारा घोटाले की कैग रिपोर्ट

BIHAR POLITCS - चारा घोटाले को सरकार और विपक्ष में तकरार बढ़ गई है। बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने तेजस्वी यादव को खुले मंच से बहस करने की चुनौती दी है। साथ ही उन्होंने लालू यादव के शासन के समय की कैग रिपोर्ट भी पेश की है।

BIHAR POLITICS - चारा घोटाले मामले पर सार्वजनिक बहस के लिए CM नीतीश के मंत्री ने दी तेजस्वी की चुनौती, पेश कर दी चारा घोटाले की कैग रिपोर्ट

PATNA - बिहार के नेता प्रतिपक्ष  तेजस्वी यादव जी ने जिस तरह से चारा घोटाले को लेकर पिता लालू यादव का बचाव करने की कोशिश की। उसके बाद  बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने उन्हें खुले मंच पर सार्वजनिक बहस करने की चुनौती दे दी है। नीतीश मिश्रा ने इस दौरान लालू यादव के शासनकाल में पशुपालन विभाग के कैग रिपोर्ट के आंकड़े भी पेश किये हैं। नीतीश मिश्रा ने कहा कि राजद के अन्य नेताओं को चारा घोटाला के इन आंकड़ों को अवश्य देखना चाहिए। वर्ष 1990 से 1996 की अवधि में जब चारा घोटाला हुआ उस दौरान मुख्यमंत्री कौन था इसकी जानकारी आसानी से देखी जा सकती है।

न्यायपालिका को जातिगत चश्मे से देखते हैं

राजद के नेता जानबूझकर चारा घोटाला मामले में माननीय न्यायपालिका को जातिगत चश्मे से देखकर समाज को जाति के नाम पर विखंडित करने का प्रयास करते रहे हैं। यह बात समझ से परे है कि श्रद्धेय डॉ. जगन्नाथ मिश्रा जी को चारा घोटाला के 2 मामलों में विशेष अदालत द्वारा बरी किये जाने पर राजनीति करने वाले माननीय नेता प्रतिपक्ष  तेजस्वी यादव जी राजद नेता और पूर्व पशुपालन मंत्री श्री विद्यासागर निषाद जी को उन्हीं दो मामलों में बरी किए जाने पर मौन क्यों हो जाते हैं?

लगभग 28 वर्ष पुराने चारा घोटाले के पूर्ण तथ्यों की जानकारी सम्भवतः आज की युवा पीढ़ी को भी नहीं है और इसी का फायदा उठाकर कतिपय लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ को सिद्ध करने का प्रयास करते रहे हैं। अतः मेरा सबों से आग्रह है कि इस मामले का आंकड़ों सहित विश्लेषण कर उसकी पूरी जानकारी लेकर ही किसी निर्णय पर पहुंचें।

 नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी जी को इतनी जानकारी अवश्य होनी चाहिए कि कभी भी मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष की भूमिका एक जैसी नहीं हो सकती है। चारा घोटाला में मुख्यमंत्री के रूप में  लालू प्रसाद जी व नेता प्रतिपक्ष के रूप में श्रद्धेय डॉ. जगन्नाथ मिश्र जी की भूमिका में भी यही अंतर था।

उन्होंने कहा कि मैंने नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव जी को सार्वजनिक मंच पर मुझसे बहस करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से कई बार आमंत्रित किया है और आज पुनः उन्हें उनकी सुविधानुसार इस विषय पर सार्वजनिक बहस हेतु आमंत्रित करता हूं, जिससे इस पूरे प्रकरण का पटाक्षेप हो सके और बिहार की जनता इस बहस को देखकर और सुनकर स्वयं निर्णय ले।

रिपोर्ट - नरोत्तम कुमार

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