Bihar Vidhansabha Session : बीजेपी के प्रेम कुमार बनें 18वीं बिहार विधानसभा के अध्यक्ष, प्रोटेम स्पीकर ने की घोषणा, सीएम नीतीश और तेजस्वी ने आसन पर बैठाया

Bihar Vidhansabha Session : बीजेपी के प्रेम कुमार 10वीं बिहार विधानसभा के अध्यक्ष बन गए हैं। प्रोटेम स्पीकर ने इसकी घोषणा की। वहीं सीएम नीतीश और तेजस्वी ने उन्हें आसन पर बैठाया।

प्रेम कुमार बनें स्पीकर - फोटो : social media

Bihar Vidhansabha Session : 18वीं बिहार विधानसभा सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरु हो गई है। प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण बचे हुए विधायकों को शपथ दिलाए। वहीं इसके बाद राज्यपाल के भाषण के बाद प्रोटेम स्पीकर ने उपमुख्यमंत्री के प्रस्ताव को मंजूर किया। सम्राट चौधरी ने प्रेम कुमार को अध्यक्ष चुने जाने का प्रस्ताव दिया। जिसका विजय चौधरी ने अनुमोदन किया। जिसके बाद प्रोटेम अध्यक्ष ने प्रेम कुमार को निर्विरोध अध्यक्ष चुना। 

प्रेम कुमार बने स्पीकर 

प्रोटेम स्पीकर ने प्रेम कुमार को सर्वसहमति से विधानसभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया। जिसके बाद सीएम नीतीश और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नए स्पीकर प्रेम कुमार को आसन पर बैठाया। इस दौरान अनोखा नाजारा देखने को मिला।  प्रेम कुमार आसन के पास पहुंचे और सीएम नीतीश उनके दाहिनी तरफ खड़े थे वहीं तेजस्वी आसन के पीछे से बाएं तरफ आ रहे थे इतने में ही प्रेम कुमार आसन पर बैठने लगे तभी सीएम नीतीश ने उन्हें रोक दिया। कहा अरे रुकिए...दरअसल, सीएम नीतीश यहां तेजस्वी के आने का इंतजार कर रहे थे। जब तेजस्वी बाएं ओर आ गए तो नीतीश कुमार ने कहा कि चलिए अब बैठिए। 

नौ बार के विधायक हैं प्रेम कुमार 

भाजपा के वरिष्ठ नेता और गया से लगातार नौ बार विधायक डॉ. प्रेम कुमार बिहार विधानसभा के 18वें अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। उन्होंने सोमवार को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। इस पद के लिए वे अकेले ही उम्मीदवार हैं, ऐसे में उनका निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है। आधिकारिक घोषणा मंगलवार को की जाएगी। भाजपा कोटे से वे विजय कुमार सिन्हा और नंदकिशोर यादव के बाद तीसरे अध्यक्ष होंगे। इससे पूर्व जदयू के उदय नारायण चौधरी और विजय कुमार चौधरी भी इस पद पर रह चुके हैं।

1990 से लगातार जीत का सिलसिला

डॉ. प्रेम कुमार पहली बार वर्ष 1990 में विधायक बने थे और तब से अब तक हर चुनाव में जीत दर्ज करते हुए नौ बार विधानसभा पहुंचे हैं। वे 1995, 2000, 2005 (फरवरी), 2005 (अक्टूबर), 2010, 2015, 2020 और 2025 में विजयी रहे। अत्यंत पिछड़ा वर्ग से आने वाले नेताओं में वे मजबूत पहचान रखते हैं।

2015 से 2017 तक रह चुके हैं नेता प्रतिपक्ष 

मगध विश्वविद्यालय से पीएचडी करने वाले डॉ. कुमार 2015 से 2017 तक नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। जेपी आंदोलन से राजनीति की शुरुआत करने वाले नेता डॉ. कुमार अब तक दस से अधिक विभागों के मंत्री रह चुके हैं। 2005 में पहली बार नीतीश सरकार में मंत्री बने और 2010, 2017–2020 तथा 2020–2024 तक कैबिनेट मंत्री के रूप में पथ निर्माण, नगर विकास सहित कई महत्वपूर्ण विभाग संभाले।