आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे के लिए पटना में लहलहाती फसलों पर चला बुलडोजर, विरोध कर रहे किसान पुलिस हिरासत में

मुआवज़े की मांग को लेकर धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने जोर-जबरदस्ती करते हुए हटाया। बाद में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दो से तीन किसानों को हिरासत में लेकर थाने भेज दिया।

Amas-Darbhanga Expressway- फोटो : news4nation

Amas-Darbhanga Expressway : भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य का शुक्रवार को किसानों ने जमकर विरोध किया. पटना सदर प्रखंड के दीदारगंज थाना क्षेत्र स्थित पूनाडीह पंचायत के खासपुर गांव में शुक्रवार को आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में उस समय भयंकर तनाव पैदा कर दिया, जब प्रशासन ने किसानों के विरोध को बलपूर्वक कुचलते हुए निर्माण कार्य शुरू करा दिया। मुआवज़े की मांग को लेकर खेतों में लगातार धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने जोर-जबरदस्ती करते हुए हटाया। विरोध के दौरान कई किसान रोष में आ गए, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दो से तीन किसानों को हिरासत में लेकर थाने भेज दिया। किसानों को हटाने के तुरंत बाद, निर्माण एजेंसी ने साइट पर लगभग आठ जेसीबी मशीनें लगाकर ज़मीन समतल करने का काम शुरू कर दिया।


किसान नेता देव कुमार ने इस कार्रवाई को 'अत्याचार' बताते हुए कहा कि किसानों पर यह ज़ोर-ज़बरदस्ती पिछले तीन-चार वर्षों से चल रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सड़क भारतमाला परियोजना के तहत बन रही है और किसान निर्माण के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि वे भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत उचित मुआवज़े की मांग कर रहे हैं। देव कुमार ने कहा कि पार्लियामेंट ने कानून बनाया है कि मुआवज़ा अधिसूचना की तिथि और MVR (बाजार मूल्य) के हिसाब से दिया जाए। राजस्व के एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेटरी लगातार कंडिका 26 से 30 का पालन करने की चिट्ठी निर्गत कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी इन्हें लागू नहीं करते। वह पुलिस को आगे रखकर बुलडोजर चलवाते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि किसान निहत्थे हैं खून खराबा नहीं करेंगे।


किसान शत्रुघ्न कुमार ने बताया कि इस विरोध के बावजूद NHAI का कोई भी पदाधिकारी या प्रशासनिक अधिकारी किसानों से बात करने को तैयार नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि बलपूर्वक काम किया जा रहा है और किसानों की तैयार फसलें बर्बाद कर दी गई हैं। उन्होंने कहा, "संविधान में नागरिकों को अपनी बात रखने की आज़ादी है, फिर भी कोई बात नहीं सुन रहा है। किसान ज़मीन देने को तैयार हैं, बस उचित मुआवज़ा चाहते हैं। बिना किसी पूर्व नोटिस के काम शुरू किया गया और पुलिस जबरन किसानों को थाने ले जा रही है।


मौके पर तैनात एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने किसानों के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि यह आमस-दरभंगा सिक्स-लेन का काम है और DM सर के निर्देश पर चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्वों और नेतागीरी करने वाले लोगों द्वारा किसानों को बहकावा दिया जा रहा है ताकि यहाँ हंगामा किया जाए और कार्य को बाधित किया जा सके। मजिस्ट्रेट ने आश्वासन दिया कि मुआवज़ा का मामला कमिश्नर साहब के पास विचाराधीन है और किसानों को नियमानुसार उचित मुआवज़ा मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि मुआवज़ा राशि का निर्धारण ज़मीन की प्रकृति के आधार पर एक कमेटी तय करती है, न कि विरोध करने वाले लोग।

रजनीश की रिपोर्ट