Indigo Crisis: हवाई किराए की लूट पर केंद्र की सख्ती, अब नहीं चलेगी मनमानी, केंद्र ने एयरलाइंस का किराया किया तय

Indigo Crisis:अवसरवादी उछाल ने केंद्र सरकार को सख़्त तेवर अपनाने पर मजबूर कर दिया। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने साफ़ चेतावनी दी है कि इस दौर में मुसाफ़िरों की जेब काटने वाली कोई भी एयरलाइन बख्शी नहीं जाएगी।

N4N DESK : इंडिगो की दर्जनों उड़ानों के अचानक रद्द होने के बाद आसमान में किराए की आग ऐसी भड़की कि आम मुसाफ़िरों की जेबें झुलसने लगीं। दिल्ली से लेकर बेंगलुरु, मुंबई और चेन्नई जैसे बड़े मार्गों पर टिकट के दाम इस कदर उछले कि कई रूटों पर एकतरफ़ा सफ़र की कीमत कार खरीदने जैसी लगने लगी। 

मेकमाईट्रिप के ताज़ा बुकिंग आंकड़े बताते हैं कि 6 दिसंबर को दिल्ली–बेंगलुरु की सबसे सस्ती उड़ान 40,000 रुपये के पार चली गई, जबकि कुछ विकल्प 80,000 रुपये की हद भी लांघ गए। दिल्ली–मुंबई पर 36,000 से 56,000 रुपये का किराया वसूला जा रहा है, वहीं दिल्ली–चेन्नई रूट पर 62,000 से 82,000 रुपये तक के दामों ने यात्रियों की कमर तोड़ दी है।

इस असाधारण और अवसरवादी उछाल ने केंद्र सरकार को सख़्त तेवर अपनाने पर मजबूर कर दिया। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने साफ़ चेतावनी दी है कि इस दौर में मुसाफ़िरों की जेब काटने वाली कोई भी एयरलाइन बख्शी नहीं जाएगी। मंत्रालय ने अपने वैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए सभी प्रभावित मार्गों पर क़ायदे की अधिकतम किराया सीमा  लागू कर दी है और एयरलाइनों को हिदायत दी है कि अब एक भी कदम सीमा के बाहर नहीं चलेगा। यह फ़ैसला सिर्फ़ बाज़ार में अनुशासन कायम रखने का मामला नहीं, बल्कि उन नागरिकों की हिफ़ाज़त का हिस्सा है जिन्हें मजबूरी में तत्काल सफ़र करना पड़ रहा है ख़ासकर बुज़ुर्ग, छात्र, मरीज और संकटग्रस्त परिवार।

सरकार ने साफ़ कहा है कि हवाई यात्रा किसी की मजबूरी का मुनाफ़ा नहीं बन सकती। मंत्रालय एयरलाइनों और ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफ़ॉर्म्स से रीयल-टाइम डेटा लेकर निगरानी कर रहा है। कोई भी एयरलाइन अगर तय सीमा से ऊपर जाती पाई गई, तो तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी। मौजूदा हालात सामान्य होने तक यह किराया नियंत्रण लागू रहेगा। केंद्र का संदेश बेहद साफ है कि संकट के समय मुसाफ़िरों की मजबूरी को ‘कमाई का ज़रिया’ बनाने की इजाज़त किसी भी क़ीमत पर नहीं दी जाएगी।