Bihar Politics : भाजपा को ‘गृह विभाग’ मिलने पर बवाल क्यों ? सीएम नीतीश ने बीजेपी को दिया पावर तो अपनी पार्टी के पास रखा खजाना.

Bihar Politics : बीजेपी के हिस्से में गृह विभाग जाने के बाद भले बवाल मचा है. लेकिन सीएम नीतीश ने जदयू कोटे के मंत्रियों के हाथों में बिहार का खजाना सौंप दिया है.......पढ़िए आगे

जदयू के हाथ में खजाना - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई कैबिनेट में शुक्रवार को विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। इस बार के बंटवारे में सत्ताधारी गठबंधन के दोनों प्रमुख दलों जदयू और भाजपा ने महत्त्वपूर्ण विभागों को आपस में बाँटा है। भाजपा को पहली बार गृह विभाग मिला है, जो उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को सौंपा गया है। वहीं, जदयू ने वित्त और ऊर्जा जैसे आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण विभागों पर अपनी पकड़ बनाए रखी है।

जदयू का दबदबा : वित्त, ऊर्जा और शिक्षा

जदयू कोटे से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (जिन्होंने अपने पास सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी और निर्वाचन जैसे विभाग रखे हैं) सहित आठ मंत्रियों के बीच 17 विभागों का बंटवारा किया गया है। बजट के मामले में जदयू के पास बड़े विभाग हैं। सबसे अनुभवी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव को पाँच विभागों ऊर्जा, वित्त, वाणिज्यकर, योजना एवं विकास, मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन की ज़िम्मेदारी मिली है। वहीँ अनुभवी नेता विजय कुमार चौधरी को चार विभागों जल संसाधन, संसदीय कार्य, सूचना एवं जनसंपर्क और भवन निर्माण की कमान सौंपी गई है। सुनील कुमार को शिक्षा सहित विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग जैसा महत्त्वपूर्ण पोर्टफोलियो मिला है। जदयू कोटे के मंत्रियों में श्रवण कुमार (ग्रामीण विकास, परिवहन), अशोक चौधरी (ग्रामीण कार्य), लेशी सिंह (खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण), मदन सहनी (समाज कल्याण) और मो. जमा खान (अल्पसंख्यक कल्याण) शामिल हैं।

भाजपा को गृह, स्वास्थ्य और सड़क जैसे प्रमुख विभाग

भाजपा कोटे के 14 मंत्रियों (दो उप-मुख्यमंत्रियों सहित) को कई महत्त्वपूर्ण विभाग सौंपे गए हैं, जिससे सरकार में उसकी बढ़ती भूमिका साफ़ दिखाई देती है। सम्राट चौधरी (उपमुख्यमंत्री) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अलग करते हुए गृह विभाग की कमान सौंपी गई है। विजय कुमार सिन्हा (उपमुख्यमंत्री) को राजस्व एवं भूमि सुधार और खान एवं भू-तत्व विभाग मिला है। मंगल पाण्डेय को फिर से स्वास्थ्य और विधि विभाग की ज़िम्मेदारी दी गई है। नितिन नवीन को पथ निर्माण और नगर विकास एवं आवास विभाग मिला है। भाजपा के अन्य प्रमुख मंत्रियों में दिलीप जायसवाल (उद्योग), रामकृपाल यादव (कृषि), श्रेयसी सिंह (सूचना प्रावैधिकी, खेल) और प्रमोद कुमार (सहकारिता) शामिल हैं।

भाजपा जदयू से पिछड़ी

हालाँकि दो उप मुख्यमंत्री और 14 मंत्रियों के होने के बाद भी भाजपा के कोटे में आये विभागों का बजट जदयू से कम है। भाजपा के पास मात्र 29.22 फीसदी कुल बजट का विभाग है जबकि लोजपा के मंत्रियों के पास 0.91 फीसदी बजट वाले विभाग और हम के मंत्री के पास 0.58 फीसदी बजट वाले विभाग जबकि रालोमो के पास 3.56 फीसदी बजट वाला विभाग है। शेष बजट वाले विभाग जदयू के पास हैं जो कुल बजट का करीब 65 फीसदी होता है। 

बजट में बीस है दीपक का विभाग

उपेन्द्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश जिस पंचायती राज विभाग का बंटवारा संभाल रहे हैं। उस विभाग का बजट 11 हजार 302.52 करोड़ रुपए है। वहीं लोजपा को मिले मंत्रियों के विभागों में गन्ना उद्योग विभाग 192 .23 करोड़ के बजट वाला है। जबकि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग का 2702.63  करोड़ का बजट है। वहीं संतोष सुमन के लघु जल संसाधन विभाग का बजट 1839.11 करोड़ रुपए है। यानी संतोष सुमन के विभाग के मुकाबले दीपक प्रकाश के विभाग के बजट करीब 6 गुणा ज्यादा है जबकि लोजपा के मंत्रियों के विभागों की तुलना में करीब साढ़े तीन गुणा ज्यादा है।