पत्रकारों से बदसलूकी करते हैं सीएम नीतीश के सुरक्षाकर्मी, ड्यूटी के नाम पर घोंट रहे प्रेस फ्रीडम का गला
बिहार में ड्यूटी के नाम पर प्रेस की स्वतंत्रता का गला घोंटने में मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी पत्रकारों से बदसलूकी करने में आगे रहते हैं. पटना में ऐसा ही मामला हुआ है.
CM Nitish : बॉलीवुड की एक फिल्म है 'अनाड़ी'. करिश्मा कपूर और वेंकटेश अभिनीत इस फिल्म की कहानी है कि जमींदार परिवार में पैदा हुई राज नंदिनी (करिश्मा कपूर) को गांव का कोई पुरुष देख नहीं सकता था. यहां तक कि जब राज नंदिनी घर से बाहर निकलती तब उसके काफिले के गुजरने के कुछ समय पहले एक आदमी आगे आगे जाता और घोषणा करता कि सभी पुरुष रास्ते हट जाएं. अगर कोई पुरुष गलती से रास्ते में दिख जाता और राज नंदिनी को एक नजर देख ले तो जमींदार वैसे पुरुषों को सजा के तौर पर बाल मुंडवा देता, मूंछे कटवा देता.
ये कहानी फ़िल्मी है लेकिन बिहार में मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे लोग भी 'अनाड़ी' वाली ही स्थिति में हैं. शायद वे भी चाहते हैं कि मुख्यमंत्री को कोई नहीं देखे और देख लिया तो उसे सुरक्षाकर्मी अपमानित करेंगे. बदतमीजी करेंगे. अपमान करेंगे. यहां तक कि प्रेस फ्रीडम की बात करने वाले नीतीश कुमार का वीडियो बनाने पर पत्रकारों को भी धमकाने वाले अंदाज में पेश आने से बाज नहीं आएंगे. गुरुवार को ऐसी ही स्थिति पटना में देखने को मिली जब सीएम सुरक्षा में लगे लोग प्रेस फ्रीडम का गला घोंटते नजर आए.
दरअसल, मुख्यमंत्री आवास कवर करने वाले पत्रकार जब गुरुवार को सीएम नीतीश के काफिले के निकलने का वीडियो शूट कर रथे थे तो सुरक्षाकर्मियों ने बदतमीजी शुरू कर दी. सीएम के रूट में तय सुरक्षा मानकों से दूर खड़े होकर उनके काफिले का वीडियो शूट कर रहे पत्रकार को पहले एक सुरक्षाकर्मी ऐसा नहीं करने को कहता है. उसके बाद एक दूसरा सुरक्षाकर्मी तेजी से आगे बढ़कर पत्रकारों को 'बहरा' कहते हुए कहता है कि सुनाई नहीं दे रहा है. यहां तक कि वीडियो बनाने से हाथ बढ़ाकर रोकता भी है.
बिहार में पत्रकारों के साथ सीएम सुरक्षा के नाम पर इस प्रकार की हरकत हैरान करती है. खुद सीएम नीतीश कई बार प्रतिद्वंद्वी दलों पर तंज कसते हुए कहे हैं कि 'वे लोग कुछ छपने नहीं देता'. वहीं दूसरी और पत्रकारों की आजादी के पैरोकार रहे सीएम नीतीश के राज्य में ही पत्रकारों को सीएम नीतीश का कवरेज करने से ही रोकने में सुरक्षाकर्मी सारी मर्यादा भूल जाते हैं. निःसंदेह पत्रकारों को रोकने का कोई आदेश सीएम नीतीश ने तो दिया नहीं होगा लेकिन उसके बाद खुद को सक्रिय और सजग दिखाने का ढोंग करने वाले सुरक्षाकर्मी पत्रकारों से बदसलूकी में आगे आ जाते हैं. देखना होगा कि बिहार के ऐसे 'अनाड़ी' सुरक्षाकर्मियों को प्रेस फ्रीडम का पाठ सरकार कब पढ़ाएगी.
रंजन की रिपोर्ट