Bihar Teacher News : बिहार में शिक्षकों के 'सैलरी' पर संकट, यह काम नहीं किया तो जनवरी से बंद होगा वेतन, विभाग ने जारी किया आदेश
Bihar Teacher News : बिहार में शिक्षकों के सैलरी पर संकट आनेवाला है. उन्होंने 31 दिसम्बर तक यह काम नहीं किया तो जनवरी से वेतन नहीं मिलेगा......पढ़िए आगे
PATNA : बिहार शिक्षा विभाग ने नए साल से पहले राज्य के लाखों शिक्षकों के लिए 'नो डेटा, नो सैलरी' का सख्त फॉर्मूला लागू कर दिया है। विभाग के ताज़ा फरमान के मुताबिक, अब राज्य के हर सरकारी शिक्षक को अपनी चल-अचल संपत्ति का पूरा कच्चा-चिट्ठा सार्वजनिक करना होगा। यदि कोई शिक्षक अपनी प्रॉपर्टी का ब्योरा देने में देरी करता है या जानकारी छिपाता है, तो उसके जनवरी महीने के वेतन पर विभाग तुरंत 'पे-होल्ड' का ताला लगा देगा।
इस आदेश की जद में बिहार के सभी कोटि के शिक्षक आ गए हैं। चाहे वे प्राथमिक स्कूलों के गुरुजी हों या उच्च माध्यमिक के प्रधानाध्यापक, विशिष्ट शिक्षक हों या हाल ही में नियुक्त हुए विद्यालय अध्यापक और नियोजित शिक्षक—सभी को अपनी पारदर्शिता की अग्निपरीक्षा देनी होगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि चूँकि शिक्षक अब सरकारी सेवकों (समूह क, ख और ग) की श्रेणी में आते हैं, इसलिए उन्हें भी बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन के पारदर्शिता नियमों का अक्षरशः पालन करना होगा।
संपत्ति का हिसाब देने के लिए शिक्षकों को तकनीकी नियमों का भी पालन करना होगा। यह विवरण किसी हाथ से लिखे कागज पर नहीं, बल्कि A-4 साइज के पेपर पर कंप्यूटर से 'टाइप्ड' होना चाहिए। कुल तीन पृष्ठों की इस विवरणी में शिक्षक को अपनी जमीन, मकान, सोना-चांदी, बैंक बैलेंस और यहाँ तक कि अपने कर्जों (वित्तीय दायित्वों) की भी सटीक जानकारी देनी होगी। सुरक्षा और सत्यता के लिए हर पन्ने पर शिक्षक के हस्ताक्षर होना अनिवार्य कर दिया गया है।
प्रशासनिक स्तर पर यह कार्रवाई राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त शासन और जवाबदेही तय करने के उद्देश्य से की जा रही है। बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी के नियमों के अनुसार, हर सरकारी कर्मचारी को 31 दिसंबर की स्थिति के आधार पर अपनी संपत्ति घोषित करनी होती है। शिक्षा विभाग ने इस बार इस नियम को वेतन से जोड़कर यह संदेश दे दिया है कि नियमों की अनदेखी करने वालों को आर्थिक खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
फिलहाल, इस आदेश के बाद पूरे बिहार के शिक्षक संघों और विद्यालयों में हड़कंप की स्थिति है। जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि केवल उन्हीं शिक्षकों की सैलरी फाइल आगे बढ़ाएं जिन्होंने अपनी संपत्ति का ब्योरा जमा कर दिया है। अब राज्य के लाखों शिक्षक अपनी चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज खंगालने और कंप्यूटर सेंटरों पर जाकर हलफनामा टंकित कराने की जद्दोजहद में जुट गए हैं।