सदर अस्पताल की शर्मनाक लापरवाही: ठंड भगाने के लिए जला दी गईं मरीजों की दवाएं, आरोपी रंगे हाथ गिरफ्तार

सदर अस्पताल में मानवता और कानून को ताक पर रखते हुए मरीजों के लिए सुरक्षित रखी गई जीवन रक्षक दवाओं को आग के हवाले कर दिया गया। हैरानी की बात यह है कि इन दवाओं का उपयोग ठंड से बचने के लिए अलाव जलाने में किया गया।

सदर अस्पताल की शर्मनाक लापरवाही: ठंड भगाने के लिए जला दी गईं

Sitamarhi -अपनी अव्यवस्थाओं के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाला सीतामढ़ी सदर अस्पताल एक बार फिर गंभीर लापरवाही को लेकर चर्चा में है। इस बार मानवता और कानून को ताक पर रखते हुए मरीजों के लिए सुरक्षित रखी गई जीवन रक्षक दवाओं को आग के हवाले कर दिया गया। हैरानी की बात यह है कि इन दवाओं का उपयोग ठंड से बचने के लिए अलाव जलाने में किया गया। इस मामले में पुलिस ने एक युवक को रंगे हाथ पकड़कर हिरासत में लिया है। 

एक्सपायरी डेट से पहले ही राख हुईं दवाएं

घटना अस्पताल परिसर के मुख्य गेट के पास की है। मिली जानकारी के अनुसार, अस्पताल परिसर में अवैध रूप से रह रहे गुलाब नामक एक युवक ने स्टोर के बाहर रखी दवाओं के ढेर से कई पैकेट उठा लिए और उनमें आग लगा दी। इसी दौरान एक मीडियाकर्मी की नजर जलती हुई दवाओं पर पड़ी। जब मौके पर जाकर दवाओं की जांच की गई, तो पता चला कि जलायी जा रही दवाएं अभी एक्सपायर नहीं हुई थीं और दिसंबर माह के अंत तक उपयोग के योग्य थीं। 

मीडिया की सजगता से बचीं शेष दवाएं

घटनास्थल पर मौजूद मीडियाकर्मी ने तत्काल सक्रियता दिखाते हुए शेष बची दवाओं को आग की लपटों से बचाया और पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया। जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ और अस्पताल प्रबंधन को सूचना दी गई, प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया। पकड़े गए युवक को पुलिस के हवाले कर दिया गया है, जिससे अब पूछताछ की जा रही है। 

सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन पर उठे सवाल

यह घटना सदर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है। अस्पताल परिसर की सुरक्षा के लिए एसआई, एएसआई और दर्जनों होमगार्ड (गृहरक्षक) तैनात रहते हैं, फिर भी एक बाहरी युवक का दवाओं के स्टॉक तक पहुंच जाना और उन्हें जला देना प्रबंधन की बड़ी चूक है। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि अस्पताल परिसर में बाहरी लोग अवैध रूप से डेरा कैसे जमाए हुए हैं और सरकारी संपत्ति की सुरक्षा करने वाले जवान उस वक्त कहाँ थे? 

अस्पताल प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन रक्षात्मक मुद्रा में है। प्रबंधन ने प्रारंभिक तौर पर इसे सुरक्षा की चूक माना है और आंतरिक जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। प्रशासन का कहना है कि यह पता लगाया जा रहा है कि दवाएं स्टोर के बाहर खुले में क्यों रखी गई थीं और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।