चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा को लेकर पोस्टल बैलेट पर कर दी बड़ी घोषणा, नहीं कर सकेंगे यह काम, नोटिफिकेशन किया जारी

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पोस्टल बैलेट की गिनती पर चुनाव आयोग ने नया आदेश जारी किया है। जिसमें चुुनाव आयोग ने वोटों की गिनती को लेकर स्थिति स्पष्ट की है।

Patna - बिहार विधानसभा चुनाव से  पूर्व एसआईआर के कारण विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आया चुनाव आयोग अब किसी दूसरे विवाद में नहीं पड़ना चाहता है। खासकर वोटों  की गिनती में पारदर्शिता को लेकर चुनाव  आयोग कोई गड़बड़ी नहीं चाहता है। यही कारण है अब चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलेट को लेकर नया आदेश जारी किया है। जिसमें चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि पोस्टल बैलेट के वोटों की गिनती कब की जाएगी। इस संबंध में चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। 

ईवीएम से पहले पोस्टल बैलेट की घोषणा

गुरुवार को आयोग ने बताया कि अब वोटों की गिनती के समय EVM से पहले पोस्टल बैलेट के वोटों की गिनती होगी. यह फैसला पोस्टल बैलेट की संख्या में हुई भारी बढ़ोतरी के मद्देनजर लिया गया है। आयोग ने बताया इसका उद्देश्य वोटों की गिनती में देरी को कम करने के साथ-साथ पारदर्शिता और एकरूपता सुनिश्चित करना है। 

नए निर्देश के अनुसार, चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम/वीवीपैट की मतगणना का दूसरा अंतिम चरण तब तक शुरू नहीं होगा जब तक डाक मतपत्रों (पोस्टल बैलट) की गिनती पूरी नहीं हो जाती उस मतगणना केंद्र पर जहां डाक मतपत्रों की गिनती हो रही है. 

डाक मतपत्रों की गिनती के बाद खुलेंगे ईवीएम

चुनाव आयोग ने अपने आदेश में साफ तौर पर कहा है कि जब तक पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी नहीं होती है. किसी भी हालत में ईवीएम नहीं खोली जा सकेगी. आम तौर पर अब तक ऐसा होता चला आ रहा है कि पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी न होने के बाद भी 8:30 बजे ईवीएम खोल दी जाती थी. हालांकि अब ऐसा नहीं हो सकेगा. अब पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने के बाद ही ईवीएम खोली जाएगी।

रिटर्निंग ऑफिसर को यह निर्देश

चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि जहां डाक मतपत्रों की संख्या अधिक हो, वहां रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) को यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्याप्त संख्या में टेबल और गिनती कर्मचारी उपलब्ध हों ताकि कोई देरी न हो और मतगणना प्रक्रिया को और सुचारू बनाया जा सके।

चुनाव आयोग ने साफ किया कि अगर किसी जगह ज्यादा पोस्टल बैलेट हैं, तो इसके लिए ज्यादा टेबल लगाई जाएंगी. अगर कोई समस्या आती है तो इसकी जिम्मेदारी वहां मौजूद चुनाव अधिकारियों की है। 

अगर कहीं ज्यादा कर्मचारियों की जरुरत पड़ती है तो वो भी किया जाएगा. ताकि परिणाम आने में किसी भी तरह की कोई देरी न हो, लेकिन पहले पोस्टल बैलेट की गिनती ही पूरी की जाएगी. इसके नतीजों के बाद ईवीएम में मौजूद वोटों की गिनती शुरू होगी।

क्या है पोस्टल बैलेट

पोस्टल बैलेट की शुरुआत चुनाव आयोग की तरफ से वोटिंग के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई थी। इसका इस्तेमाल उन लोगों के द्वारा किया जाता है जो कि अपनी नौकरी के कारण अपने चुनाव क्षेत्र में मतदान नहीं कर पाते हैं। इसके साथ ही 80 साल से ऊपर के लोग पोस्टल बैलेट के जरिए ही वोट देते हैं। इनमें दिव्यांग व्यक्ति भी शामिल होते हैं. हालांकि इससे पहले रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. आम लोगों की वोटिंग से कई दिन पहले ही इनकी वोटिंंग पूरी हो जाती है.जब भी किसी चुनाव में वोटों की गणना शुरू होती है तो सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होती है।