Bihar Cabinet Expansion: विधानसभा चुनाव 2025 के पहले बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव! नीतीश कैबिनेट का होगा विस्तार, जानें किन नए चेहरों को मिलेगा मौका, इस जाति को दी जा सकती है वरीयता
बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार 28 फरवरी से पहले होने वाला है। जानें किन नए चेहरों को मिल सकता है मौका और किस जातीय समीकरण का ध्यान रखा जाएगा।
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Expansion of Nitish Kumar cabinet: बिहार विधानसभा के बजट सत्र से पहले नीतीश कैबिनेट का विस्तार होने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, गुरुवार 28 फरवरी से पहले नीतीश कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा। इस बार 6 से 7 नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। इनमें बीजेपी कोटे से 5 से 6 और जेडीयू से 1 विधायक को मंत्री बनने का अवसर मिल सकता है।
जातीय समीकरण का ध्यान
मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार जातीय समीकरण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इस बार अगड़ी जाति से राजपूत और भूमिहार जाति से एक-एक मंत्री बनने की संभावना है। वहीं अतिपिछड़ा वर्ग से 2 लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है। तेली जाति और पिछड़ा समाज से भी एक-एक मंत्री बनाए जाने की संभावना है। इसके साथ ही, कुर्मी समाज से भी एक मंत्री बनने की संभावना है।
संभावित मंत्रियों की सूची
जिन विधायकों के मंत्री बनने की संभावना है, उनमें संजय सरावगी, राजू सिंह, अवधेश पटेल, जीवेश मिश्रा या अनिल शर्मा, तार किशोर प्रसाद और पवन जायसवाल के नाम शामिल हैं।
बीजेपी की तैयारी
इस बार बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, बीजेपी पूरी तरह से जातीय समीकरण को साधते हुए मंत्रिमंडल में अपनी भूमिका को मजबूत करने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए नामों की सूची दिल्ली भेज दी है। जैसे ही केंद्रीय मुख्यालय से अंतिम नामों की मंजूरी मिलेगी, मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाएगा।
वर्तमान मंत्रियों के पास एक से अधिक विभाग
फिलहाल, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के पास 3 विभाग, मंगल पांडे, नीतीश मिश्रा, और प्रेम कुमार के पास 2-2 विभाग हैं। ऐसे में नए मंत्रियों को विभाग बांटने के लिए कुछ विभाग मौजूदा मंत्रियों से लिए जा सकते हैं। इसके अलावा, दिलीप जायसवाल के पास मंत्री पद और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद दोनों हैं, इसलिए पार्टी के "एक व्यक्ति, एक पद" सिद्धांत के तहत वे मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी
इस मंत्रिमंडल विस्तार का मुख्य उद्देश्य आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना है। जातीय समीकरण और नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करके बीजेपी और जेडीयू दोनों दल अपनी स्थिति को सुदृढ़ करना चाहते हैं।