Bihar Government School: बिहार के सरकारी स्कूलों का 'सिलेंडर घोटाला'! दो साल से 11.80 करोड़ के गैस सिलेंडर बेकार, खबर जान उड़ जाएंगे होश

Bihar Government School: बिहार के सरकारी स्कूलों ने विभाग के साथ ही खेला कर दिया है। स्कूलों ने 2 साल के बाद भी 11.80 करोड़ का गैस सिलेंडर वापस नहीं किया है। ये सिलेंडर स्कूलों में बेकार पड़े हुए हैं।

सरकारी स्कूलों में सिलेंडर घोटाला! - फोटो : social media

Bihar Government School: बिहार के सरकारी स्कूलों में व्यवस्थाओं को सही करने के लिए तमाम कोशिशें शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही है। बावजूद इसके कई खबरें सामने आ रही है। जिससे सरकारी स्कूलों में घोटाले खुल कर सामने आते हैं। ताजा मामला मिड-डे मील योजना के लिए दिए गए गैस सिलेंडर से जुड़ा है। जानकारी अनुसार सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना के लिए उपलब्ध कराए गए करीब 11.80 करोड़ रुपये मूल्य के व्यावसायिक गैस सिलेंडर पिछले दो वर्षों से बिना उपयोग के पड़े हुए हैं।

स्कूलों ने नहीं लौटा गैस सिलेंडर 

जानकारी अनुसार स्कूलों को 19 किलो वाला सिक्योरिटी-फ्री व्यावसायिक सिलेंडर दिया गया था जिसे घरेलू गैस कनेक्शन मिलने के बाद संबंधित एजेंसी को वापस करना था। मगर राज्य के 22,838 स्कूलों ने 45,860 सिलेंडर अभी तक नहीं लौटाए हैं। मुजफ्फरपुर डिवीजन में सबसे अधिक 18,494 सिलेंडर जमा नहीं हुए हैं। वहीं पटना में 16,899 और बेगूसराय में 10,067 सिलेंडर स्कूलों के पास ही पड़े हैं। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने जिलेवार सूची जारी कर मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय को इन सिलेंडरों की वापसी सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया है।

एमडीएम के लिए दिया गया था सिलेंडर 

वहीं मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक विनायक मिश्र ने सभी जिलों के डीपीओ (एमडीएम) को निर्देश दिया है कि सिलेंडर जल्द से जल्द संबंधित एजेंसी को लौटाए जाएं। उन्होंने कहा कि डीपीओ स्वयं इसकी प्रगति की समीक्षा करें और नियमित रिपोर्ट मुख्यालय को भेजें। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में सरकारी स्कूलों में एलपीजी के उपयोग की स्वीकृति मिली थी। इसके तहत कंपनियों ने एमडीएम के लिए सिक्योरिटी-फ्री व्यावसायिक सिलेंडर उपलब्ध कराए। बाद में 20 अक्टूबर 2023 के निर्देश के बाद स्कूलों को घरेलू गैस कनेक्शन दिया गया। जिससे व्यावसायिक सिलेंडर अनुपयोगी हो गए। 

इन जिलों को लौटाने हैं इतने गैस सिलेंडर 

पटना के में 1,829, मुजफ्फरपुर में 4,358, भागलपुर में 777, गया में 276, दरभंगा में 2,120, गया में 276, अररिया में 723, बांका में 548, बेगूसराय में 2387, जमुई में 239, कटिहार में 1332, खगड़िया में 407, किशनगंज में 407, लखीसराय में 819, मुधेपुरा में 452, मुंगेर में 516, पूर्णिया में 441, सहरसा में 85, सुपौल में 261, पूर्वी चंपारण में 1935, पश्चिम चंपारण में 1732, मधुबनी में 2324, समस्तीपुर में 3097, शिवहर में 684, सीतामढ़ी में 2244, अरवल में 248, औरंगाबाद में 220, भोजपुर में 1304, बक्सर 1093, गोपालगंज में 1997, जहानाबाद में 760, कैमूर में 1657, नवादा में 2, रोहतास में 3,524, सारण में 950 और सीवान में 1781 सिलेंडर लौटाए जाने बाकी हैं। कई जिलों में स्कूलों की संख्या अपेक्षाकृत कम होने के बावजूद सैकड़ों सिलेंडर अब तक नहीं लौटे हैं। 

आईओसीएल के आदेश के बाद भी नहीं लौटाए गए सिलेंडर

आईओसीएल कई बार पत्र भेजकर सिलेंडर वापस लेने का अनुरोध कर चुका है, लेकिन बड़ी संख्या में स्कूलों ने अभी भी सिलेंडर वापस नहीं किए हैं। राज्य के विभिन्न जिलों में सैकड़ों से लेकर हजारों सिलेंडर अब भी स्कूलों में जमा हैं। यह स्थिति विभागीय लापरवाही को दर्शाती है और विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिलों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विभाग ने जल्द से जल्द सभी स्कूलों को गैल सिलेंडर वापस करने की अपील की है।