Caste Census: 'सोनिया गांधी के सामने कान पड़कर उठक- बैठक करते हैं लालू यादव', राजद पर बरसे गिरिराज सिंह, जातीय जनगणना पर बड़ा दावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट ने देश में जातीय जनगणना कराने को मंजूरी दी है. इसके बाद बिहार में राजद इसे अपनी उपलब्धि बता रहा था तो अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लालू यादव को इसे लेकर आड़े हाथों लिया है.

Caste Census: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण विरोधी रही है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम करते हैं. अब उसी दिशा में देश में जातीय जनगणना कराने का निर्णय है. जातीय जनगणना पर राजद सुप्रीमो लालू यादव द्वारा इसे अपनी उपलब्धि बताने और 'संघियों को अपने एजेंडे पर नचाने' वाले बयान पर गिरिराज सिंह ने कहा कि लालू यादव तो सोनिया गांधी के सामने कान पड़कर उठा बैठा करते हैं. जिस कांग्रेस ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में रखा उसे लालू यादव ने समर्थन दिया था. लालू यादव तो कांग्रेस के पल्लू में पले थे.
पटना एयरपोर्ट पर दिल्ली रवाना होने के पूर्व मीडिया से बात करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने सभी वर्गों के लिए काम काम किया है. पिछड़े वर्ग को मजबूत करने लिए कानून लाया. वहीं जब एससी-एसटी वर्ग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया तो उसके दलितों के हितों के लिए संसद में मोदी सरकार ने उसके खिलाफ कानून लाया. इसी तरह गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का काम किया. इनसे अलग कांग्रेस और लालू यादव हैं जो हमेशा ही इसके उलट काम करते रहे.
गिरिराज सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी ने मंडल कमीशन आयोग को ठंडा बस्ता में डाला. यह लोग सामाजिक समरसता के विरोधी हैं. उन्होंने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल को इस पूरे मामले पर बहस करने की चुनौती दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा जातीय जनगणना का क्रेडिट लेने की बात करना अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना है. उन्होंने जवाहर लाल नेहरु से इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल को गिनाते हुए उन्हें आरक्षण का विरोधी बताया.
उपलब्धि लेने की होड़
दरअसल, जातीय जनगणना को लेकर मोदी कैबिनेट ने एक दिन पहले ही फैसला लिया है. इसके बाद विपक्ष की ओर से इसे अपनी बड़ी जीत का दावा किया जा रहा है. कांग्रेस, राजद सहित कई विपक्षी दलों द्वारा लंबे अरसे से देश में जातीय जनगणना की मांग की जाती रही है. लेकिन अब तक केंद्र सरकार इसे टालते रही थी. अब अचानक से पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया गया है. इसके बाद विपक्ष जहां इसे अपनी जीत बता रहा है तो दूसरी ओर भाजपा और एनडीए के घटक दल इसे अपनी उपलब्धि बताने लगे हैं.
अभिजीत की रिपोर्ट