Bihar Assembly Session 2025: राज्यपाल का अभिभाषण बना बिहार मॉडल का घोषणापत्र, रोजगार पर सरकार का विशेष ध्यान, ऊर्जा, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर सरकार का फोकस

Bihar Assembly Session 2025: बिहार विधानसभा सत्र के तीसरे दिन राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ख़ान का अभिभाषण सेंट्रल हॉल में गंभीरता, गरिमा और सियासी परिपक्वता के साथ संपन्न हुआ।

राज्यपाल का अभिभाषण बना बिहार मॉडल का घोषणापत्र, रोजगार पर फोकस- फोटो : social Media

Bihar Assembly Session 2025:  बिहार विधानसभा सत्र के तीसरे दिन राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ख़ान का अभिभाषण सेंट्रल हॉल में गंभीरता, गरिमा और सियासी परिपक्वता के साथ संपन्न हुआ। उनका पूरा संबोधन एक ऐसे बिहार की तस्वीर पेश करता है जो तेज़ी से बदल रहा है चाहे वह रोजगार हो, शिक्षा हो, ऊर्जा हो या महिला सशक्तिकरण।

राज्यपाल ने कहा कि बिहार सरकार ने युवाओं के रोजगार को अपनी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखा है। सरकार का दावा है कि अब तक लगभग 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 40 लाख युवाओं को रोजगार दिया जा चुका है। आने वाले 5 वर्षों में एक करोड़ नयी नौकरियां देने का जो लक्ष्य तय किया गया है, उस पर विशेष गति के साथ काम शुरू हो चुका है। रोजगार के मोर्चे पर यह अभिभाषण सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

ऊर्जा क्षेत्र की बात करें तो राज्यपाल ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने का बड़ा फैसला लिया है, जिससे लाखों परिवारों को सीधी आर्थिक राहत मिल रही है। इसके साथ ही राज्य अब हर घर की छत पर सोलर पैनल लगाने की तैयारी में है, ताकि ऊर्जा संरक्षण के साथ आत्मनिर्भरता को भी नई दिशा मिल सके।

अपने संबोधन में राज्यपाल ने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास को सरकार की पहचान बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने हिंदू, मुस्लिम, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और दलित—सभी वर्गों के लिए योजनाएँ लागू की हैं। छात्रवृत्तियों से लेकर सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन रोजगार योजना, और अल्पसंख्यक कल्याण की पहलों तक—हर योजना विकास की समान पहुंच सुनिश्चित करती है। तलाकशुदा महिलाओं को आर्थिक सहायता, मदरसों को सरकारी मान्यता, और मदरसा शिक्षकों को सरकारी टीचरों जैसा वेतन—ये निर्णय सामाजिक सुरक्षा के मजबूत स्तंभ हैं।

महिला सशक्तिकरण पर बात करते हुए राज्यपाल ने याद दिलाया कि 2006 में पंचायती राज और 2007 में नगर निकायों में 50% महिलाओं को आरक्षण दिया गया था, जबकि पुलिस और सभी सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण के फैसले ने बिहार की बेटियों के लिए नए अवसर खोले। उन्होंने बताया कि जीविका के माध्यम से आज 11 लाख समूह और 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियाँ आर्थिक स्वावलंबन की मिसाल बन चुकी हैं। नई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत अब तक 1 करोड़ 56 लाख महिलाओं को 10,000 रुपये की सहायता दी जा चुकी है और शेष लाभार्थियों को भी जल्द राशि मिलेगी।

अभिभाषण में शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष जोर रहा। राज्यपाल ने बताया कि बिहार में 27 नए मेडिकल कॉलेज तैयार हो रहे हैं और अब हर जिले में इंजीनियरिंग की पढ़ाई संभव हो चुकी है। कई बड़े संस्थानों की स्थापना के कारण बिहार के छात्रों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि अब दूसरे राज्यों के छात्र भी यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। सड़क और पुल निर्माण की रफ्तार पर उन्होंने कहा कि कई नये बाईपास और रेल पुल बनने से राज्य के सबसे दूरस्थ इलाकों से भी केवल 5 घंटे में पटना पहुँचना मुमकिन हो गया है।

कुल मिलाकर, राज्यपाल का अभिभाषण एक ऐसे बिहार की झलक देता है जो रोजगार, शिक्षा, ऊर्जा, सड़क निर्माण और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में नए मुकाम हासिल करने की राह पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।