बिहार में बने गोला-बारूद से अब लड़ेगी भारतीय सेना, सीएम नीतीश की पहल से डिफेंस सेक्टर में स्थापित होंगे कई उद्योग

सीएम नीतीश की पहल से के कई जिलों में महत्वपूर्ण रक्षा-संबंधी इकाइयों और बड़े औद्योगिक प्लांटों की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

ammunition manufactured in Bihar- फोटो : news4nation

Bihar News: बिहार की फैक्ट्रियों में निर्मित गोला-बारूद से अब भारतीय सेना सीमा पर पाकिस्तान और चीन जैसे देशों से मुकाबला करने की तैयारी में है। बिहार में औद्योगिक विकास, विशेषकर रक्षा उत्पादन से जुड़े सेक्टर में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य के कई जिलों में महत्वपूर्ण रक्षा-संबंधी इकाइयों और बड़े औद्योगिक प्लांटों की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद बिहार रक्षा उपकरण निर्माण का एक अहम केंद्र बन सकता है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजगीर (नालंदा) में 155mm गोले बनाने वाली एक बड़ी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है, जो आधुनिक रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वहीं गया विस्फोटक में बारूद (एक्सप्लोसिव) बनाने के लिए बड़े प्लांट की योजना है, जिससे हथियार निर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। इसी तरह औरंगाबाद जिले में हथियार और गोला-बारूद तैयार करने की नई फैक्ट्री का प्रस्ताव है। वहीं रोहतास (सासाराम–डेहरी) को हथियार निर्माण का बड़ा विनिर्माण हब बनाने की योजना तैयार की गई है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के साथ-साथ रक्षा उद्योग की क्षमता भी बढ़ेगी।


बक्सर में नए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के प्लांट की स्थापना का प्रस्ताव है। भोजपुर (आरा) को छोटे हथियार और उनके पार्ट्स निर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है। इसी तरह उत्तरी बिहार—जिसमें वैशाली, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और शिवहर शामिल हैं—को ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स की इकाइयों के लिए चुना गया है, जिससे बिहार आधुनिक रक्षा तकनीक में भी बड़ी छलांग लगाएगा। राजधानी पटना में भी विकास की बड़ी योजना है, जिसके तहत बिठटा के पास नया एयरपोर्ट और डिफेंस टाउनशिप बनाए जाने का प्रस्ताव है।



मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10वीं बार सीएम पद की शपथ लेते ही राज्य में नौकरी और रोजगार के साथ ही निवेश और उद्योग स्थापना को लेकर बड़ी घोषणा की है. उनकी यह घोषणा राज्य में अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोज़गार देने की चुनावी घोषणा को मूर्त रूप देने की योजना का हिस्सा माना जा रहा है.