वाहन जांच केंद्रों से बिहार में हो रहा था बड़ा फर्जीवाड़ा ! 28 नवम्बर को सबसे पहले पटना में जांच करेगी टीम
Bihar News : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने 1 सितंबर 2025 को बड़ी कार्रवाई करते हुए देशभर के पांच स्वचालित वाहन जांच केंद्रों को बंद कर दिया था। इनमें से तीन केंद्र बिहार के हैं। मंत्रालय को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई केंद्र बिना वाहन की भौतिक उपस्थिति के ही फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं। शिकायतों को गंभीर मानते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जांच टीम गठित कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था।
बिहार में जिन तीन केंद्रों को तत्काल प्रभाव से बंद किया गया, उनमें भागलपुर का M/s B.K. Construction & Co., दरभंगा का Aviranjan Kumar Raja और पटना का Golden Vahan Fitness Centre शामिल हैं। आरोप है कि इन केंद्रों पर गाड़ियों को प्रस्तुत किए बिना ही प्रमाण पत्र जारी किए गए। यहां तक कि कुछ मामलों में वाहनों के सिर्फ फोटो देखकर फिटनेस सर्टिफिकेट बना दिया गया, चाहे वाहन राज्य के बाहर ही क्यों न हो।
इन गंभीर आरोपों की जांच के लिए परिवहन विभाग ने 10 अक्टूबर 2025 को कमेटी का गठन किया। अपर सचिव प्रवीण कुमार इसके अध्यक्ष बनाए गए हैं। समिति में बंद किए गए फिटनेस सेंटर्स के प्रतिनिधि, सहायक परिवहन आयुक्त, आईटी प्रबंधक और प्रोग्रामर को भी शामिल किया गया है।
अब जांच प्रक्रिया शुरू हो रही है। सबसे पहले पटना के गोल्डेन स्वचालित वाहन फिटनेस जांच केंद्र की जांच 28 नवंबर को की जाएगी। परिवहन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी ने पटना और गया के जिला परिवहन अधिकारियों तथा मोटरयान निरीक्षकों को जांच के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। विभाग के अनुसार, इस केंद्र पर बड़े पैमाने पर फिटनेस प्रमाण पत्र में हेरफेर की शिकायतें हैं।
जानकारों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच होने पर पूरा सच सामने आ जाएगा। जिस दिन जिस वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी हुआ, यदि उसी तारीख का वाहन केंद्र पर दिखाई नहीं देता, तो फर्जीवाड़ा साबित हो जाएगा। साथ ही मशीनों की उपलब्धता, कैमरों की कार्यशीलता और रिकॉर्ड की जांच से पूरा मामला स्पष्ट हो सकता है।