bihar politics - मोदी सरकार के सांवैधानिक विधेयक के समर्थन में जदयू, बिल फाड़कर फेंकने पर भड़के ललन सिंह, कहा विपक्ष में नैतिकता खत्म

bihar politics - मोदी सरकार के सांवैधानिक विधेयक के समर्थन में जदयू खुलकर सामने आ गई है। केंद्रीय ललन सिंह ने कहा कि सदन में बिल फाड़कर विपक्ष ने नैतिकता का सबूत दिया है।

Patna - संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने तीन बिल प्रस्तुत किए। जिसमें एक बिल के अनुसार अगर कोई जनप्रतिनिधि लगातार एक महीने तक जेल में रहता है तो उसे पद से स्वतः हटा दिया जाएगा। बिल के अनुसार इसके दायरे में सीएम से लेकर पीएम तक शामिल हैं। बिल के सदन में प्रस्तुत होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और बिल की कॉपी फाड़कर अमित शाह की तरफ फेंक  दिया.

संसद में हुए बिल को लेकर हुए हंगामे के बीच अब जदयू ने भी अपना स्टैंड साफ कर दिया है। जदयू ने बिल का समर्थन किया है। जिस तरह बिल को फाड़ा गया, उसके बाद केंद्रीय पशुपालन मंत्री व जदयू नेता ललन सिंह ने विपक्ष पर अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा कि विपक्ष में नैतिकता खत्म हो गई है।

ललन सिंह ने इस पूरे मामले पर सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट किया है।  जिसमें बिल को लेकर अपना नजरिया स्पष्ट किया है। उनहोंने लिखा है कि  

लोकतंत्र लोकलाज से चलता है इस बात को ध्यान में रखते हुए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार की ओर से आज लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक पेश हुआ जिसमें यह प्रावधान है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या केंद्र तथा राज्य के मंत्री अगर आपराधिक मामलों में जेल जाते हैं और 30 दिन के अंदर उन्हें जमानत नहीं मिलती है तो वे पद पर रहने के हकदार नहीं होंगे। पिछले वर्षों में यह देखा गया कि कुछ मुख्यमंत्री/ मंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने के बावजूद त्यागपत्र नहीं दिया और जेल में रह कर अपना विभाग चलाते रहे जो सार्वजनिक जीवन के उच्च नैतिकता के मापदंड के विरुद्ध है।

सार्वजनिक जीवन में उच्च नैतिकता का मापदंड स्थापित करने के दृष्टिकोण से केंद्र सरकार ने ये विधेयक लोकसभा में पेश किया। इस दौरान माननीय गृह मंत्री जी के साथ जिस तरह से विपक्ष के लोगों ने असंसदीय आचरण प्रदर्शित किया, वह इस बात का प्रमाण है कि देश का पूरा विपक्ष सार्वजनिक जीवन में नैतिकता का उच्च मापदंड स्थापित नहीं करना चाहता है। जबकि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी सार्वजनिक जीवन में नैतिकता का उच्च मापदंड स्थापित करने के लिए कटिबद्ध हैं।

विपक्ष के इस अलोकतांत्रिक और अमर्यादित आचरण की मैं घोर निंदा करता हूं और मुझे पूर्ण विश्वास है कि देश की जनता सार्वजनिक जीवन में उच्च मापदंड स्थापित करने के विरोध करने वालों को कभी भी स्वीकार नहीं करेगी।

बता दें कि विपक्ष के हंगामे के बाद तीनों बिल पर चर्चा के लिए जेपीसी के पास भेज दिया गया है।