लालू के बेहद करीबी शिवानंद तिवारी ने खोला मोर्चा, पुत्र मोह में राजद सुप्रीमो बन गए धृतराष्ट्र... तेजस्वी को भी नहीं छोड़ा
राजद को मिली करारी हार के बाद शिवानंद तिवारी ने कहा है कि लालू यादव धृतराष्ट्र की तरह बेटे के लिए राज सिंहासन को गर्म कर रहे थे.
Bihar Election : बिहार विधानसभा चुनाव में राजद को मिली करारी हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने लालू यादव और तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिवानंद ने लालू यादव को पुत्र मोह में अंधा होकर धृतराष्ट्र बताया है. लालू परिवार में पहले से ही उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने मोर्चा खोल दिया है. तेजस्वी यादव और उनके सलाहकार संजय यादव पर गंभीर आरोप लगाया है और घर तथा पार्टी से नाता तोड़ लिया है. इस बीच अब शिवानंद तिवारी ने लालू यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
शिवानंद तिवारी ने रविवार को अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'बिहार आंदोलन के दौरान लालू यादव और मैं फुलवारी शरीफ़ जेल के एक ही कमरे में बंद थे. लालू यादव उस आंदोलन का बड़ा चेहरा थे. लेकिन उनकी आकांक्षा बहुत छोटी थी. रात में भोजन के बाद सोने के लिए जब हम अपनी अपनी चौकी पर लेटे थे तब लालू यादव ने अपने भविष्य के सपने को मुझसे साझा किया था. लालू ने मुझसे कहा कि 'बाबा, मैं राम लखन सिंह यादव जैसा नेता बनना चाहता हूँ '. लगता है कि कभी कभी-ऊपर वाला शायद सुन लेता है. आज दिखाई दे रहा है कि उनकी वह इच्छा पूरी हो गई है. संपूर्ण परिवार ने ज़ोर लगाया. उनकी पार्टी के मात्र पच्चीस विधायक ही जीते.'
उन्होंने आगे लिखा- 'मन में यह सवाल उठ सकता है कि मैं तो स्वयं उस पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष था. उसके बाद ऐसी बात मैं क्यों कह रहा हूँ ! मैं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष था. यह अतीत की बात हो गई. तेजस्वी ने मुझे न सिर्फ़ उपाध्यक्ष से हटाया बल्कि कार्यकारिणी में भी जगह नहीं दी. ऐसा क्यों ? क्योंकि मैं कह रहा था कि मतदाता सूची का सघन पुनर्निरीक्षण लोकतंत्र के विरूद्ध साज़िश है. इसके खिलाफ राहुल गांधी के साथ सड़क पर उतरो. संघर्ष करो. पुलिस की मार खाओ. जेल जाओ.'
लेकिन वह तो सपनों की दुनिया में मुख्यमंत्री का शपथ ले रहा था. उसको झकझोर कर उसके सपनों में मैं विघ्न डाल रहा था. लालू यादव धृतराष्ट्र की तरह बेटे के लिए राज सिंहासन को गर्म कर रहे थे. अब मैं मुक्त हो चुका हूँ. फुरसत पा चुका हूँ. अब कहानियाँ सुनाता रहूँगा.
एनडीए की बड़ी सफलता
बिहार विधानसभा चुनाव में 202 सीटों पर जीत हासिल कर एनडीए सरकार की पुनः वापसी का रास्ता साफ हो गया है। बीजेपी को 89 सीटें मिलीं तो जदयू को 85 सीटों पर सफलता मिली है। चिराग की लोजपा को 19, मांझी की हम को पांच तो उपेंद्र कुशवाहा की रालोमो से 4 सीटों पर सफलता मिली।
महागठबंधन का सपना टूटा
विपक्ष में राजद के 25 तो कांग्रेस के 6 उम्मीदवार जीतकर आए। माले के तीन सीपीएम के के एक विधायक हैं। असदुद्दीन औवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने फिर से पांच सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल किया है तो मायावती कि बहुजन समाज पार्टी(बसपा) का एक उम्मीदवार जीतकर आया।