Bihar Budget : लालू यादव के सीएम बनने का उनकी ही जाति वालों ने किया था विरोध, विधानसभा में सीएम नीतीश ने तेजस्वी के सामने खोला 35 साल पुराना राज

Bihar Budget : लालू यादव को वर्ष 1990 में नीतीश कुमार ने ही सीएम बनवाया था. यहां तक कि उस दौरान लालू यादव की जाति के लोगों ने भी नीतीश को इससे मना किया था. बावजूद इसके नीतीश कुमार ने लालू यादव का समर्थन किया और उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनवाया. लालू यादव से जुड़े 35 साल पुराने प्रसंग का खुलासा मंगलवार को बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार ने किया. उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लेते हुए ये बातें कहीं. साथ ही बताया कि तुम्हारे पिता (लालू यादव) भी मैंने ही सीएम बनवाया था जबकि उनकी ही जाति (यादव) के लोगों ने इसके लिए मना किया था.
सीएम नीतीश ने कहा कि हाल के समय में उन्होंने दो बार तेजस्वी के साथ भी सरकार बनाई लेकिन दोनों बार इन लोगों ने गड़बड़ किया. इसी कारण वे इनसे अलग हुए और एनडीए के साथ मिलकर फिर से सरकार बनाई. इसके पहले विधानसभा में तेजस्वी को देखकर सीएम नीतीश ने उन्हें बच्चा बोलकर कहा कि आप लोग कुछ नहीं जानते हैं. शाम के बाद कोई घर से नहीं निकलता था. सीएम नीतीश ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री बनने के पहले न तो बिहर में सड़कें थीं और ना ही विकास का कोई अन्य काम हुआ था. यहाँ तक कि हिंदू-मुस्लिम झगड़ा भी खूब होता था. इसलिए सीएम बनने के बाद सबसे पहले कब्रिस्तान की घेराबंदी का काम कराया.
हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने वॉकआउट किया. सीएम नीतीश ने कहा कि वर्ष 2005 से पहले बिहार में विभिन्न क्षेत्रों में विकास नहीं हुआ और उसके बाद शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के क्षेत्रों में बड़ा बदलाव हुआ. हालाँकि इस दौरान विपक्ष की नारेबाजी जारी रही और बाद में विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. इस पर सीएम नीतीश ने तंज कसते हुए कहा कि इ तो भाग गए, इसलिए कि इ लोग को कुछ समझ आ रहा है, चुनौआ में कुछ नहीं मिलेगा .
नीतीश कुमार ने कहा, पहले समाज में बहुत विवाद होता था, हिंदू-मुस्लिम के बीच बहुत लड़ाई होती थी, पढ़ाई, बिजली की स्थिति बहुत खराब थी। पहले इलाज का इंतजाम नहीं था....जब हम लोग आए हमने इन सब पर काम किया. अब राज्य में डर एवं भय का वातावरण नहीं है. सीएम नीतीश ने कहा कि 2016 में महिलाओं को सरकारी नौकरी में हमने आरक्षण देने का फैसला लिया. चुनाव से पहले 12 लाख युवाओं को नौकरी दी। सभी तबके के लोगों का विकास किया। रोजगार वाले युवाओं की संख्या तो 24 लाख हो गई है. सभी धर्म और जाति के लोगों के लिए काम किया. मदरसों को सरकारी मान्यता दी. मुस्लिम महिलाओं के लिए भी काम किया. पति के छोड़ देने पर महिलाओं को आर्थिक मदद देने का प्रावधान किया.