Bihar News: पटना में भू-अर्जन घोटाला, दो विदेशी कंपनियों में 31.93 करोड़ का निवेश, कोटक बैंक के पूर्व मैनेजर सहित इन पर केस दर्ज
Bihar News: बिहार में भुअर्जन (भूमि अर्जन) विभाग के खातों से हुए करोड़ों के घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब ईडी की सिफारिश पर आर्थिक अपराध इकाई ने कोटक महिंद्रा बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक सुमित आर शशिकांत समेत दो लोगों के खिलाफ मामला
Bihar News: बिहार में एनएचएआई और भू-अर्जन विभाग के खातों से 31.93 करोड़ रुपये की बड़ी रकम निकालकर दक्षिण अफ्रीका और फिलीपींस की ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों में निवेश करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने ईडी की सिफारिश पर कोटक महिंद्रा बैंक की बोरिंग रोड शाखा के पूर्व मैनेजर सुमित आर शशिकांत और उसके सहयोगी शशिकांत समेत कई अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
दक्षिण अफ्रीका और फिलीपींस की कंपनियों में पैसा भेजा गया
जांच में खुलासा हुआ कि यह रकम दक्षिण अफ्रीका की कंपनी बिटवे और फिलीपींस की 12 बेट में लगाई गई। इन दोनों देशों के 21 अलग-अलग बैंक खातों में पैसा भेजा गया। ईडी के पटना जोनल कार्यालय के संयुक्त निदेशक सत्यकाम दत्ता के निर्देश पर यह एफआईआर ईओयू थाना में दर्ज हुई है।
बिजनेस ऑपरेशन के नाम पर खाता
पूर्व बैंक मैनेजर सुमित ने विदेशी गेमिंग कंपनियों का भारत में ‘बिजनेस ऑपरेशन’ दिखाकर खाता खुलवाया। उसके साथी शशिकांत ने अपने व दूसरों के नाम पर कई खातों का जाल बिछाया। इतना ही नहीं, सुमित की पत्नी नीता सिंह के नाम पर भी दिल्ली व पटना में खातों का संचालन किया गया। नीता सिंह के नाम पर खुले अनीसाबाद स्थित उज्जीवन बैंक के खाते में 27 दिसंबर 2019 को शाही मल्टीवेंचर्स के अकाउंट से 20 लाख रुपये आए थे। यह खाता अमित कुमार के नाम से था।
इन खातों में भी भेजी गई रकम
मोहित कुमार गुप्ता, रतनी रंजन, दिवाकर सिंह, संदीप गुप्ता, मनीष कुमार, विकास कुमार और कैरीऑन इंटरप्राइजेज समेत कई खातों में भी पैसा ट्रांसफर हुआ। जांच में जब इन खातों के पते की जांच हुई तो सभी फर्जी निकले।
ऐसे खुला राज
ईडी ने सुमित के भाई सुशील कुमार के ठिकाने पर छापेमारी की। वहां से सुमित का मोबाइल मिला। जिसमें सुमित और शशिकांत के बीच बिटवे व 12 बेट कंपनियों को लेकर बातचीत के चैट बरामद हुए।
कैसे उजागर हुआ घोटाला?
यह घोटाला फरवरी 2021 में तब सामने आया जब पटना भू-अर्जन पदाधिकारी पंकज पटेल के फर्जी हस्ताक्षर कर कोटक महिंद्रा बैंक की एग्जीबिशन रोड शाखा से एक निजी कंपनी के खाते में रकम ट्रांसफर की गई। आरटीजीएस की इस धोखाधड़ी में शुभम कुमार गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद गांधी मैदान थाने में केस दर्ज हुआ और फिर ईडी व ईओयू ने इसकी जांच अपने हाथ में ले ली।
ईओयू करेगी गहन जांच
ईओयू सूत्रों के मुताबिक बीएनएस (भ्रष्टाचार से निपटने का नया कानून) के तहत दर्ज इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। दोनों विदेशी गेमिंग कंपनियों के नेटवर्क को भी खंगाला जा रहा है। आने वाले दिनों में इस घोटाले में और भी लोगों पर शिकंजा कस सकता है।