Bihar Medicine: चिकित्सा के क्षेत्र में बिहार ने सभी राज्यों को छोड़ा पीछे, बीस साल में कहां से कहां पहुंचा, जानें
Bihar Medicine:बिहार ने मेडिसिन के क्षेत्र में देश का सिरमौर बनकर एक मिसाल कायम की है। दवा आपूर्ति में 10 गुना वृद्धि, ओपीडी में सुधार और स्वास्थ्य ढांचे के विस्तार ने बिहार को अन्य राज्यों से आगे रखा है।

Bihar Medicine:बिहार ने चिकित्सा के क्षेत्र में प्रगति हासिल कर देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। विशेष रूप से दवा आपूर्ति और वितरण के क्षेत्र में बिहार ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है, जिसके चलते इसे देश का अग्रणी राज्य कहा जा रहा है। आइए, इस उपलब्धि के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझते हैं।
पिछले 20 वर्षों में बिहार में दवा आपूर्ति में लगभग 10 गुना की वृद्धि हुई है। यह उपलब्धि बिहार के स्वास्थ्य विभाग की नीतियों, बेहतर प्रबंधन और तकनीकी प्रगति का परिणाम है।बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने अपने एक बयान में बताया कि मई 2024 से बिहार ने आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। सितंबर 2024 से बिहार दवा वितरण के मामले में देशभर में प्रथम स्थान पर बना हुआ है। यह दर्शाता है कि बिहार ने न केवल दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की, बल्कि उनके वितरण को भी सुव्यवस्थित किया।
बिहार सरकार ने सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें गोदामों की संख्या बढ़ाना, लॉजिस्टिक्स में सुधार और डिजिटल तकनीक का उपयोग शामिल है। इसके परिणामस्वरूप, मरीजों को समय पर और मुफ्त दवाएं उपलब्ध हो रही हैं, जो पहले एक बड़ी चुनौती थी।
बिहार सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देते हुए कई नीतिगत सुधार किए। बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने दवा खरीद, भंडारण और वितरण प्रणाली को मजबूत किया। इसने दवाओं की कमी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दवा आपूर्ति श्रृंखला को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए बिहार ने डिजिटल तकनीकों को अपनाया। ऑनलाइन इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम और रियल-टाइम ट्रैकिंग ने दवाओं की उपलब्धता और वितरण को बेहतर बनाया।
बिहार ने अपने स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में निवेश किया। इन केंद्रों पर दवाओं की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की गई, जिससे मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही उपचार मिल सका।
केंद्र सरकार की योजनाओं, जैसे आयुष्मान भारत और नेशनल हेल्थ मिशन, का बिहार ने प्रभावी ढंग से उपयोग किया। इन योजनाओं के तहत मिलने वाली वित्तीय और तकनीकी सहायता ने बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त किया।
बिहार की यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में यह पहले पिछड़े राज्यों में गिना जाता था। अब, दवा आपूर्ति और वितरण के मामले में बिहार ने उन राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया, जो पारंपरिक रूप से इस क्षेत्र में अग्रणी माने जाते थे, जैसे महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक। सितंबर 2024 से बिहार लगातार दवा वितरण में शीर्ष पर रहा है, जो अन्य राज्यों के लिए एक नजीर है।बिहार में मुफ्त दवाओं की उपलब्धता ने मरीजों की संतुष्टि को बढ़ाया है, जो अन्य राज्यों में अभी भी एक चुनौती है।
दवा आपूर्ति श्रृंखला के विस्तार और गोदामों की स्थापना से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।
बहरहाल बिहार ने मेडिसिन के क्षेत्र में देश का सिरमौर बनकर एक मिसाल कायम की है। दवा आपूर्ति में 10 गुना वृद्धि, ओपीडी में सुधार और स्वास्थ्य ढांचे के विस्तार ने बिहार को अन्य राज्यों से आगे रखा है।