Tahavvur Rana: मुंबई आतंकी हमले का आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को नहीं मिलेगी मौत की सजा ? अमेरिका और भारत के बीच क्या हुआ समझौता जानिए...

Tahavvur Rana: मुंबई आतंकी हमले का आरोपी तहव्वुर राणा अब भारत के कब्जे में हैं उसके ऊपर मुकदमे चलाए जा रहे हैं, लेकिन तहव्वुर राणा को मौत की सजा मिलेगी आ नहीं...आइए जानते हैं....

तहव्वुर राणा
भारत लाया गया तहव्वुर राणा- फोटो : social Media

Tahavvur Rana: 26/11 का मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा अब भारत में है। बीते दिन तहव्वुर राना को भारत लाया गया 2008 के मुंबई आंतकी हमले के 17 साल बाद आरोपी भारत के गिरफ्त में आया है। तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर गुरुवार को भारत लाया गया। फिलहाल वो दिल्ली में है। तहव्वुर राणा पर भारत में देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हत्या और आतंकवाद जैसे संगीन आरोपों में मुकदमा चलाया जाएगा। इन आरोपों के तहत राणा को अधिकतम मौत की सजा तक हो सकती है।

भारत के अमेरिका के बीच हुई विशेष समझौता 

प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भारत और अमेरिका के बीच विशेष समझौते के तहत पूरी हुई। दोनों देशों ने साफ किया कि राणा के मामले में मौत की सजा की संभावना को खारिज नहीं किया गया है, जो इस मामले की गंभीरता को दर्शाता है। अमेरिकी सरकार ने राणा को मौत की सजा देने पर कोई रोक नहीं लगाा है। वहीं आज NIA की टीम राणा से पूछताछ भी करेगी। माना जा रहा है कि इस पूछताछ में राणा कई राज उगल सकता है।

एनआईए ने दर्ज की कई धाराएं

दरअसल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने राणा पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना), 121-ए (युद्ध की साजिश), 302 (हत्या), 468 व 471 (जालसाजी और जाली दस्तावेजों का उपयोग) के अलावा आतंकवाद विरोधी कानून UAPA की धाराएं 18 और 20 के तहत मामला दर्ज किया है। एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “जिन अपराधों के लिए राणा को भारत लाया गया है वे अमेरिका में भी दंडनीय हैं। इसलिए अमेरिका ने मौत की सजा को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई।”

भारत ने अमेरिका को दी सुरक्षा की गारंटी

भारत सरकार ने अमेरिका को आश्वस्त किया है कि राणा को हिरासत में मानवाधिकारों के अनुरूप पूरी सुरक्षा दी जाएगी और उसके साथ कोई अमानवीय व्यवहार नहीं किया जाएगा। यह मामला इसलिए भी अहम है क्योंकि 2005 में जब अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को पुर्तगाल से भारत लाया गया था तब भारत ने मौत की सजा नहीं देने की गारंटी दी थी। लेकिन तहव्वुर राणा के मामले में ऐसी कोई शर्त नहीं जोड़ी गई है।

पाकिस्तानी मूल, कनाडाई नागरिक और एफबीआई की गिरफ्त में

तहव्वुर हुसैन राणा का जन्म 1961 में पाकिस्तान में हुआ था और वह अब कनाडा की नागरिकता ले चुका है। वह अमेरिका के शिकागो में रहता था। जहां 2009 में एफबीआई ने उसे गिरफ्तार किया था। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर (कैप्टन रैंक) के रूप में सेवा कर चुका है और बाद में उसने अमेरिका में इमिग्रेशन लॉ सेंटर खोला।

हेडली का करीबी और आतंकी साजिश का सहयोगी

राणा की पहचान मुंबई हमले के एक और प्रमुख आरोपी डेविड कोलमैन हेडली के करीबी सहयोगी के रूप में हुई है। दोनों पाकिस्तान के मिलिट्री बोर्डिंग स्कूल में पढ़े थे। कोर्ट दस्तावेजों के अनुसार, राणा ने हेडली और अन्य साजिशकर्ताओं को न केवल वित्तीय और लॉजिस्टिक सहायता दी बल्कि पाकिस्तान स्थित आकाओं के साथ निरंतर संपर्क भी बनाए रखा। अब तहव्वुर राणा के खिलाफ भारत में कानूनी कार्रवाई शुरू होगी और इस बहुचर्चित मामले में नया मोड़ आ सकता है।

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