Nitish Kumar: निशांत ने पिता को गले लगाकर दी बधाई, नीतीश की प्रचंड जीत पर परिवार की मुस्कान, सियासत के मैदान में जदयू की ऐतिहासिक वापसी
Nitish Kumar: बिहार की सियासत में प्रचंड जीत के बाद एक तस्वीर ने पूरे माहौल को भावुक और ताज़ा बना दिया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके बेटे निशांत का गले लगना।
Nitish Kumar: बिहार की सियासत में प्रचंड जीत के बाद एक तस्वीर ने पूरे माहौल को भावुक और ताज़ा बना दिया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके बेटे निशांत का गले लगना। यह वही दुर्लभ पल है, जब राजनीति की कठोर दुनिया के बीच अपनापन, मोहब्बत और खुशी की असल तस्वीर देखने को मिलती है। फोटो में निशांत अपने पिता को पूरे गर्व और ममता के साथ गले लगा रहे हैं, और नीतीश कुमार भी उसी गर्मजोशी से बेटे को बांहों में भरते हुए हंसते दिख रहे हैं। यह केवल बधाई नहीं, बल्कि उस कठिन संघर्ष की जीत का जश्न है जिसे नीतीश और उनकी टीम ने मैदान में उतारकर हासिल किया है।
14 नवंबर को आए विधानसभा चुनाव परिणामों ने बिहार के राजनीतिक समीकरण को पूरी तरह बदल डाला। एनडीए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 202 सीटों पर जीत दर्ज की यह ऐसा आंकड़ा है जिसने विपक्ष को हक्का-बक्का कर दिया और सूबे में एक बार फिर सत्ता की चाबी एनडीए के हाथ में थमा दी।
इस चुनाव का असली चमत्कार रहा JDU का अप्रत्याशित उछाल। 2020 में जहां पार्टी को केवल 43 सीटें मिली थीं, वहीं इस बार JDU ने दमदार वापसी करते हुए 85 सीटों पर जीत दर्ज कर ली। यह हैट्रिक जैसी जीत नीतीश की रणनीति, संगठन की मेहनत और जमीनी समीकरणों की सही पकड़ का नतीजा है। इसी कारण निशांत का यह गले लगाना एक बेटे का गर्व भी है और एक नेता की सफलता का सम्मान भी।
बीजेपी ने इस चुनाव में 89 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनने का तमगा हासिल किया। वहीं चिराग पासवान की LJP (रा) ने 19 सीटें, उपेंद्र कुशवाहा की RLSP के हिस्से 4 सीटें, और जीतनराम मांझी की HAM को 5 सीटें मिलीं। दूसरी तरफ महागठबंधन इस बार बुरी तरह पिछड़ गया और केवल 35 सीटों पर सिमट कर रह गया।अब जब नई सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, पटना से दिल्ली तक बैठकों का दौर तेज़ है। लेकिन इन सबके बीच निशांत और नीतीश की यह तस्वीर इस चुनाव की सबसे मानवीय और दिल छू लेने वाली छवि बनकर सामने आई है जहाँ जीत सिर्फ़ कुर्सी की नहीं, बल्कि परिवार की खुशी और संघर्ष भरी यात्रा की भी है।
रिपोर्ट- अभिजीत सिंह