Bihar News: बिहार के लापरवाह अधिकारियों पर अब होगी कार्रवाई, उपमुख्मंत्री के सख्त आदेश से हड़कंप

Bihar News: बिहार में अब लापरवाह अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपमुख्यमंत्री ने इसको लेकर सख्त आदेश जारी किया है। दरअसल, अतिक्रमण को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है।

अधिकारियों पर कार्रवाई - फोटो : social media

Bihar News: बिहार में अतिक्रमण के मामले को लेकर लगातार कार्रवाई जारी है। कई जिलों से बुलडोजर एक्शन की खबरें सामने आ रही है। इसी बीच सरकार ने एक और सख्त आदेश जारी किया है। सरकार ने अधिकारियों को सख्त आदेश देते हुए कहा कि यदि उनकी गड़बड़ी से अतिक्रमण होता है तो उनकी जवाबदेही तय होगी और जरुरत पड़ी तो उनसे वसूली भी की जाएगी। सरकार के इस आदेश से अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। 

उपमुख्यमंत्री का सख्त आदेश 

दरअसल, उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को स्पष्ट कहा कि सिर्फ अतिक्रमणकारी ही नहीं, बल्कि संबंधित अधिकारी और कर्मचारी भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार हैं। उनकी लापरवाही के कारण ही अक्सर अवैध कब्जे की स्थिति बनती है और बाद में न्यायालय के आदेश पर हटाने की कार्रवाई में गरीब जनता को परेशानी झेलनी पड़ती है।उन्होंने ने कहा कि अतिक्रमण रोकने और उसे मुक्त कराने की संयुक्त जिम्मेदारी तय की जाएगी। 

अधिकारियों और कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई 

उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने साफ शब्दों में कहा है कि, जिन अधिकारियों या कर्मचारियों की लापरवाही पाई जाएगी, उनके खिलाफ न सिर्फ कार्रवाई होगी बल्कि जरूरत पड़ने पर वसूली भी की जाएगी। उन्होंने स्थानीय थाना और अंचल प्रशासन को ईमानदारी से काम करने का निर्देश देते हुए कहा कि समय रहते निगरानी हो तो अतिक्रमण की नौबत ही न आए।

सभी जिलों में बनेगा लैंड बैंक

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि कई जिलों में सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए राज्य के सभी जिलों में लैंड बैंक बनाए जाएंगे। साथ ही अतिक्रमण से संबंधित मामलों की पहचान और कार्रवाई के लिए विशेष टीम गठित करने की भी घोषणा की गई। बुधवार को सिन्हा ने लगातार दूसरे दिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक की।

राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों पर चिंता

सिन्हा ने अंचलाधिकारी से लेकर प्रमंडलीय आयुक्त स्तर तक के राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पीड़ित जनता को वर्षों तक कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़े, यह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। जिन न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या ज्यादा है, वहां अस्थायी रूप से अतिरिक्त अधिकारियों की तैनाती की जाएगी ताकि पेंडिंग केस तेजी से निपटाए जा सकें।