नीतीश कुमार नए साल में बेटे निशांत को सौपेंगे कमान ! पटना में जदयू ने बैनर लगाकर किया ऐलान

वर्ष 2026 बिहार की सियासत में बड़े सियासी बदलाव वाला साल हो सकता है. इसकी मांग से पटना में बैनर-पोस्टर लगाकर नीतीश कुमार से जदयू ने की है.

Nitish Kumar son Nishant - फोटो : news4nation

Nitish Kumar son Nishant : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की सियासी एंट्री को लेकर जदयू नेताओं के बयानों के बीच बुधवार को एक बैनर जारी किया गया. नव वर्ष की बधाई वाले इस बैनर बैनर को पटना के प्रमुख चौक-चौराहों पर लगाया गया है. इसमें नीतीश कुमार से निशांत को पार्टी में एंट्री देने और उन्हें भविष्य का नेता बताया गया है. इस बैनर में शायरी के लहजे में लिखी गई है कि बिहार की जनता निशांत कुमार को राजनीति में देखना चाहती है. 


'अगली पीढ़ी का भविष्य संवारेंगे निशांत कुमार'

पोस्टर पर स्पष्ट रूप से लिखा है, "नव वर्ष की नई सौगात. नीतीश सेवक, मांगें निशांत. चाचा जी के हाथों में सुरक्षित अपना बिहार. अब पार्टी के अगले जेनरेशन का भविष्य संवारें भाई निशांत कुमार." एक अन्य बैनर में नव वर्ष की बधाई के साथ ही लिखा गया है कि 'श्री नीतीश कुमार जी के विरासत को सँभालने और आगे बढ़ाने के लिए पार्टी हित में निशांत जी को पार्टी में लाया जाए.' जदयू के अलग अलग नेताओं की ओर से लगाए गए इन बैनरों में साफ लिखा गया है कि 'नववर्ष की नई सौगात नीतीश सेवक, मांगे निशांत'.

परिवारवाद के विरोधी नीतीश 

दरअसल, पिछले कुछ समय से बार बार यह चर्चा चलते रहती है कि नीतीश कुमार के बेटे निशांत को जदयू की कमान सौपी जानी चाहिए. हालांकि नीतीश कुमार हमेशा परिवारवादी राजनीति के विरोधी रहे हैं. वे कई मौके पर इसे लेकर अपने प्रतिद्वंद्वी दलों के नेताओं को आड़े हाथों ले चुके हैं. हालांकि इस वर्ष के विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार कई नेताओं में यह चर्चा है कि निशांत को जदयू की कमान और राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. ऐसे में अब वर्ष 2026 के शुरू होने के पहले फिर से निशांत के नाम के बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं.

निशांत की चुप्पी 

वहीं निशांत भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि उनके पिता बिहार की सेवा कर रहे हैं. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विकास कर रहा है. राज्य की जनता ने इसी भरोसे के कारण नीतीश कुमार को लगातार बहुमत दे रखा है. खुद के राजनीतिक एंट्री के सवालों को निशांत भी टालते रहे हैं. लेकिन फिर से निशांत के सियासी एंट्री की मांग वाले बैनर पोस्टर लगने से जदयू में कुछ अलग खिचड़ी पकने की बातों को हवा मिली है.