नीतीश का सदन में मोदी-वंदन, विकास, व्यवस्था और विपक्ष को सीधा संदेश

Bihar Assembly session:भाषण का सबसे सियासी और सबसे चौंकाने वाला हिस्सा वह था, जब नीतीश ने पूरे सदन को संबोधित करते हुए कहा “सबलोग पीएम मोदी को नमन कीजिए…

नीतीश का सदन में मोदी-वंदन- फोटो : social Media

Bihar Assembly session:बिहार विधानसभा में शुक्रवार का दिन सियासी तेवरों से खासा गर्म रहा, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अपना संबोधन दिया। नीतीश का लहजा कहीं आत्मविश्वासी था, कहीं नसीहत भरा और कहीं राजनीतिक संकेतों से लबालब।

मगर इस भाषण का सबसे सियासी और सबसे चौंकाने वाला हिस्सा वह था, जब नीतीश ने पूरे सदन को संबोधित करते हुए कहा “सबलोग पीएम मोदी को नमन कीजिए… आदरणीय पीएम मोदी ने बिहार के लिए बहुत कुछ किया है।”उन्होंने यह बात सिर्फ़ अपने NDA विधायकों से नहीं कही, बल्कि विपक्ष से भी आग्रह करते हुए बोले “अरे बिहार में सबके लिए काम किया है, आपके लिए भी काम किया है… सबलोग नमन कीजिए।”

राजनीतिक गलियारों में इस टिप्पणी की गूंज तुरंत सुनाई देने लगी। नीतीश के इस “मोदी-वंदन” को कई लोग NDA की एकजुटता का सार्वजनिक प्रदर्शन बता रहे हैं, तो कुछ इसे आने वाले चुनावी मौसम का इशारा भी मान रहे हैं।सदन में उनका यह बयान सिर्फ़ प्रशंसा नहीं, बल्कि एक प्रकार का संदेश भी था कि बिहार का विकास केंद्र और राज्य की साझेदारी से ही मुमकिन है, और इस साझेदारी का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संबोधन बुधवार को तब सबसे ज़्यादा सुर्खियों में आ गया, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ करते हुए पूरे सदन से हाथ उठाकर नमन करने की अपील कर दी।नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री जी बिहार के लिए बहुत काम कर रहे हैं… कई बार बिहार आए, विकास कार्यों की शुरुआत की। आप सब हाथ उठाकर उनको नमन कीजिए।सत्ता पक्ष के अधिकांश सदस्य तुरंत खड़े होकर समर्थन में हाथ उठाने लगे, लेकिन राजद विधायकों की तरफ़ से कोई हलचल नहीं हुई। इस चुप्पी ने माहौल को और गर्मा दिया।राजद की ओर से प्रतिक्रिया न देखकर नीतीश कुमार कुछ नाराज़ से दिखे और सीधे विपक्ष की बेंचों की ओर देखते हुए बोले कि “आप लोग क्यों नहीं करते हैं? आप लोग भी कहिए! सब के लिए काम कर रहे हैं… सब तरह से काम हो रहा है। इसीलिए हम आपसे कह रहे हैं।”

नीतीश का यह टिप्पणी साफ संकेत था कि वे विपक्ष से भी राजनीतिक शराफ़त और विकास की राजनीति के नाम पर समर्थन की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन राजद विधायकों का मौन उस राजनीतिक दूरी की ओर इशारा कर रहा था, जो इन दिनों सत्ता–विपक्ष के रिश्तों के बीच और गहरी होती जा रही है।मुख्यमंत्री ने दोहराया कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर कई बड़े प्रोजेक्ट बिहार में शुरू हुए हैं और “यह विकास सबका है, किसी एक दल का नहीं।”उन्होंने गर्व के साथ कहा कि “राज्य के किसी भी हिस्से में अब 6 घंटे में पहुंचने का लक्ष्य पूरा हो चुका है।” सड़कों, पुल-पुलियों और नए मार्गों की बदौलत बिहार की आवाजाही में जो बदलाव आया, उसे उन्होंने NDA सरकार की उपलब्धि बताया।

नौकरी के मुद्दे पर नीतीश ने साफ कहा कि बीपीएससी के माध्यम से पारदर्शी ढंग से नियुक्तियाँ हो रही हैं। उनकी बातों में यह संदेश साफ था कि सिस्टम अब नियम, नीयत और नीति के साथ चल रहा है—बिना किसी दबाव या पक्षपात के।नीतीश कुमार का यह संबोधन विकास के दावों से लेकर राजनीतिक संकेतों तक, हर मोर्चे पर धारदार और असरदार माना जा रहा है।