Bihar Politics: तेजस्वी पर नीतीश का मास्टरस्ट्रोक! वादों की राजनीति पर 'नीतीश नीति' ऐसे पड़ रही है भारी, गर्म हुई बिहार की सियासत
तेजस्वी ने वादा किया था 200 यूनिट मुफ्त बिजली का, नीतीश ने ऐलान कर दिया 125 यूनिट मुफ्त का।...
Bihar Politics: बिहार की सियासत में इन दिनों ‘वादों की वॉर’ चल रही है, और मोर्चे पर हैं दो बड़े किरदार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन के उभरते चेहरे तेजस्वी यादव। दिलचस्प बात ये है कि तेजस्वी जो वादा कर रहे हैं, नीतीश उसे सरकारी मुहर के साथ जनता के सामने रख दे रहे हैं। राजनीति के गलियारों में इसे ‘घोषणाओं की डकैती’ कहा जा रहा है, जहां विपक्ष की योजनाएं सत्ता की कलम से पास हो रही हैं।
ताज़ा मामला मुफ्त बिजली का है। तेजस्वी ने वादा किया था 200 यूनिट मुफ्त बिजली का, नीतीश ने ऐलान कर दिया 125 यूनिट मुफ्त का। इसका फायदा 1.67 करोड़ परिवारों को मिलेगा और सरकारी खजाने पर ₹5000 करोड़ का बोझ पड़ेगा। पर सरकार मानती है, एक परिवार को हर महीने 750-1000 रुपया की राहत भी मिलेगी। साथ ही छतों पर सोलर पैनल लगाने और 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का वादा भी जुड़ गया।
डोमिसाइल का मामला हो या पेंशन की बात—तेजस्वी के वादों पर नीतीश सरकार की नज़र पैनी है। तेजस्वी ने 100 फीसदी डोमिसाइल की बात की थी, नीतीश ने महिलाओं के 35% आरक्षित पदों पर इसे लागू कर दिया। अब कुल मिलाकर 74 फीसदी डोमिसाइल लागू हो चुका है। 3000 रुपये कलाकार पेंशन और इंटर्नशिप के दौरान 4000-6000 रुपये मानदेय की योजना भी उन्हीं घोषणाओं का हिस्सा लग रही है जो तेजस्वी पहले जनता के सामने रख चुके हैं।
तेजस्वी का अगला तीर है 'माई बहिन मान योजना' जिसमें महिलाओं को 2500 मासिक सहायता का वादा है। अब सबकी निगाहें नीतीश की अगली कैबिनेट बैठक पर टिक गई हैं कि क्या अगली योजना फिर से उधार की होगी?
नीतीश सरकार 24 जून को सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 से बढ़ाकर ₹1100 कर चुकी है। जबकि तेजस्वी ने ₹1500 देने की बात की है। 13 जुलाई को नीतीश ने सोशल मीडिया पर ‘एक करोड़ नौकरी और रोजगार’ का वादा किया और 15 जुलाई को कैबिनेट में उसे पास भी करवा लिया। तेजस्वी इसे अपनी जीत बताते नहीं थकते।
अब सवाल ये है कि क्या नीतीश अपनी राजनीति बचा रहे हैं या तेजस्वी की रणनीति को ही हथियार बना रहे हैं?