बीमारियों से डरने की जरूरत नहीं, संविदा कर्मचारियों के लिए सरकार बनी फरिश्ता, खोला बीमा का खजाना

Bihar health insurance: बिहार सरकार ने संविदा कर्मियों के जीवन में राहत और उम्मीद की एक नई सुबह ला दी है। ...

संविदा कर्मियों के ‘हक़-ए-सेहत’ की नई दस्तक- फोटो : social Media

Bihar health insurance: बिहार सरकार ने संविदा कर्मियों के जीवन में राहत और उम्मीद की एक नई सुबह ला दी है। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अगुवाई में समूह स्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारंभ किया गया एक ऐसी योजना, जो संविदा कर्मियों को न सिर्फ़ बीमारियों के डर से निजात देगी, बल्कि उनके परिवारों को भी संजीवनी का एहसास कराएगी।

सरकार और एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के बीच तीन वर्षों के लिए हुए इस समझौते ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नयी इबारत लिख दी है। इस योजना से प्रदेश के 3,560 संविदा कर्मियों को पाँच लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। 375 से अधिक अस्पतालों में 185 सिर्फ़ पटना में बिना नगद भुगतान के उपचार की सुविधा अब हकीकत बनेगी। चाहे वो आईसीयू में जीवन बचाने की जंग हो या मातृत्व के क्षणों की देखभाल, ये बीमा हर परिस्थिति में ढाल बनकर साथ खड़ा रहेगा।

इसमें सामान्य प्रसव हेतु ₹20,000 और सिजेरियन डिलीवरी के लिए ₹50,000 तक का विशेष कवरेज शामिल है। अस्पताल में भर्ती से पहले और बाद के खर्च भी योजना के दायरे में हैं। संविदा कर्मियों के लिए यह एक ऐसा इंतेज़ामी इनाम है, जो अब तक सरकारी छांव से वंचित रहे थे।

एसबीआई की समर्पित टीम अब क्लेम को एक घंटे में मंज़ूरी और तीन घंटे में डिस्चार्ज क्लियरेंस देगी—एक ऐसा डिजिटल कमाल जो भरोसे को तकनीक से जोड़ता है।

इसी मौके पर RTPS अपील पोर्टल की शुरुआत ने शासन को और पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिक केंद्रित बना दिया है।यह योजना ना सिर्फ़ एक प्रशासनिक दस्तावेज़ है, बल्कि संवेदना, सरोकार और सामाजिक सुरक्षा का ऐलान है।