Bihar Band: बिहार 9 जुलाई को रहेगा बंद, विपक्ष ने किया चक्का जाम का ऐलान, मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सियासी बवाल

Bihar Band: 9 जुलाई को बिहार बंद रहेगा। विपक्ष ने 9 जुलाई को चक्का जाम का ऐलान किया है। बता दें मतदाता सूचनी पुनरीक्षण को लेकर सियासी बवाल जारी है। इसी बीच विपक्ष ने बिहार बंद का ऐलान कर दिया है।

बिहार बंद - फोटो : social media

Bihar Band:  बिहार में अगले कुछ ही महीने में विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है। राजद, कांग्रेस समेत महागठबंधन के घटक दलों ने इस कार्यक्रम का जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। पटना के सदाकत आश्रम में आयोजित प्रेसवार्ता में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने ऐलान किया कि 9 जुलाई को बिहार बंद के तहत चक्का जाम किया जाएगा। जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे। 

9 जुलाई को बिहार बंद 

राजेश राम ने कहा कि, यह चक्का जाम पूरी तरह असरदार रहेगा। महागठबंधन के सभी दल इसमें सक्रिय भागीदारी करेंगे। कांग्रेस ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया। राजेश राम ने कहा कि, जनवरी में मतदाता सूची प्रकाशित हो चुकी है, फिर नई प्रक्रिया क्यों? आयोग ने कागजात और फोटो को लेकर जो नई गाइडलाइन जारी की है, वह संदेह पैदा करती है। अगर अंतिम निर्णय निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ERO) के विवेक पर छोड़ दिया गया, तो सरकार दबाव डालकर नाम कटवा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती

प्रेसवार्ता में डॉ. मदन मोहन झा, प्रेमचंद मिश्र और राजेश राठौड़ भी मौजूद रहे। इस बीच मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। राजद सांसद मनोज झा और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर SIR पर रोक लगाने की मांग की है। इस मामले में 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। 

नागरिकों को बार बार साबित करना होगा नागरिकता 

मनोज झा ने दलील दी कि, SIR के लिए न तो पर्याप्त समय है और न ही सभी नागरिकों के पास मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध हैं। आधार, राशन कार्ड, मनरेगा कार्ड जैसे वैध दस्तावेजों को भी प्रक्रिया में शामिल न करना गलत है। वहीं टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने कहा कि बिहार चुनाव के बहाने लाए गए ये संशोधन नियम दरअसल 2026 के बंगाल चुनाव को टारगेट करते हैं। इससे प्रवासी मजदूरों को भारी परेशानी होगी और नागरिकों को बार-बार अपनी नागरिकता साबित करनी होगी।