Bihar News: बारिश में गिरी ट्रॉमा सेंटर की छत , गंदे पानी में इलाज को मजबूर मरीज,तालाब बना अस्पताल

Bihar News:सुबह से हो रही झमाझम बारिश ने हालात ऐसे बिगाड़े कि अस्पताल परिसर, ट्रॉमा सेंटर का इमरजेंसी वार्ड, दवा काउंटर, टिकट पर्ची काउंटर तक नाले का गंदा पानी भर गया.

Mohania Hospital
तालाब बना अस्पताल- फोटो : reporter

Bihar News:सुबह से हो रही झमाझम बारिश ने हालात ऐसे बिगाड़े कि अस्पताल परिसर, ट्रॉमा सेंटर का इमरजेंसी वार्ड, दवा काउंटर, टिकट पर्ची काउंटर तक नाले का गंदा पानी भर गया. इसी पानी में मरीज और उनके परिजन इलाज कराने को मजबूर हैं.कैमूर जिले का अनुमंडलीय अस्पताल मोहनिया इन दिनों किसी अस्पताल से ज्यादा तालाब का रूप ले चुका है. 

स्थिति इतनी गंभीर है कि ट्रॉमा सेंटर की जर्जर इमारत की फॉल्स सीलिंग बारिश के बीच टूटकर नीचे गिर गई. गनीमत रही कि उस वक्त वहां कोई मौजूद नहीं था, वरना बड़ी दुर्घटना हो सकती थी.

मोहनिया थाना क्षेत्र के बड़की देवकली निवासी सुधु सिंह अपने मरीज को लेकर दवा के लिए आए, लेकिन काउंटर बंद मिला और चारों तरफ पानी ही पानी था.

अस्पताल कर्मी पुष्पा देवी ने बताया कि सुबह ड्यूटी पर आए तो देखा कि कैंपस, वार्ड और ट्रॉमा सेंटर के सभी कमरों और गलियारों में नाले का गंदा पानी घुसा है. इसी में खड़े होकर हम सेवा दे रहे हैं.

अस्पताल प्रभारी डॉ. विजय कुमार ने बताया कि सड़क किनारे बन रहा नाला महीनों से अधूरा पड़ा है. यही वजह है कि बारिश होते ही शहर का गंदा पानी अस्पताल परिसर में भर जाता है. ट्रॉमा सेंटर थोड़े निचले हिस्से में है, इसलिए पानी सीधे अंदर चला जाता है. नाला पूरा हो जाता तो ये स्थिति नहीं होती. ट्रॉमा सेंटर की हालत जर्जर है, जल्द ही इसे खाली करने की योजना है.

फिलहाल, अस्पताल में मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को गंदे पानी, फिसलन और जर्जर ढांचे के खतरे के बीच इलाज की प्रक्रिया जारी रखनी पड़ रही है. बरसात के मौसम में यह न केवल स्वच्छता और सुरक्षा का सवाल है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का भी खुला सबूत.

रिपोर्ट- देव कुमार तिवारी